भगवान को पाने के लिए भक्त ना जाने क्या-क्या जतन करते है ये कह पाना मुश्किल है।
हर इंसान के लिए ईश्वर के अलग-अलग महत्व है और सबका अपना तरीका भी है भगवान को मनाने का। कई बार भक्त अपने भगवान की आस्था में इस कदर अंधे हो जाते है कि वे आस्था की लाईन क्रॉस करके अंधविश्वास में चले जाते है। जहाँ कई लोग आस्था के पिछे अपना स्वार्थ साधते है तो वही कई भोले-भाले लोग इस चक्रव्यूह में फँस जाते है।
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कई बार अपने खास भगवान को खुश करने के लिये लोग गलत और अपराधिक कदम उठाने से भी परहेज नही करते है।
वैसे से तो खुद को तकलीफ देकर ईश्वर को प्रसन्न करने की परंपरा सालों से चली आ रही है, जिसमें अंधभक्त अपने आप को इस कदर तकलीफ देते है कि देखने वालों की रूह काँप जाती है।
कुछ ऐसा ही वाक्या पिछले दिनों देखने को मिला, जिसमें एक लड़की ने खुद को आग के हवाले कर दिया जिसका नतीजा ये हुआ की उसकी जान चली गई।
दरअसल हरियाणा के गुडगाँव के पटौदी सिटी में एक लड़की ने भगवान शिव की आस्था के लिए खुद को आग के हवाले कर दिया।
यहाँ रहने वाली 25 वर्षीय अनिषा शर्मा ने खुद को आग लगा कर जान दे दी। अनिषा एम ए आखरी वर्ष की छात्रा थी. पिछले शुक्रवार को अनिषा ने मंदिर परिसर में बने स्नानघर में खुद को केरोसिन डालकर आग लगा ली और अपने पीछे छोड़ गई है ये सुसाईड नोट जिसमें लिखा है-
“मैं शिव भक्त हूँ, इस जन्म में शिव को नहीं पा सकी। हे माँ पार्वती मुझे आशीर्वाद दो कि मैं अगले जन्म में भगवान शिव को प्राप्त कर लू”
आपको जानकर हैरानी होगी कि अनिषा अपने परिवार की सबसे बड़ी लड़की होने के साथ-साथ पढ़ाई में काफी होशियार और समझदार थी। अनिषा के इस भयानक कदम से उसके परिवार के लोग सदमें में है। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस को लड़की की जली हुई डेड बॉडी के साथ एक सुसाईड नोट मिला है।
इस घटना ने बाकई लोगो को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कोई इस कदर कैसे आस्था में पागल हो गया ।
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उसने खुद को ही आग लगा कर जान दे दी। भगवान शिव की आस्था रखना अच्छी बात है लेकिन भगवान के लिए अन्धभक्त बन जाना गलत है।
ये भगवान शिव की आस्था थी या भगवान शिव की अंधविश्वास इस बात का फैसला हम आप पर छोड़ते है।