70 और 80 का दशक….ये वो दौर था जब हीरोइनें रोमांटिक और इमोशनल किरदार कर रही थीं और फिल्मों में खलनायिका का चलन था। और इसी दौर में एक हीरोइन रहीं जिन्होंने अपने बोल्ड अवतार से सभी को घायल कर दिया और खलनायिका की भूमिकाओं भी नया आयाम दिया।
ये हीरोइन थीं लीना दास, जो 80 के दशक की जानी-मानी खलनायिका और कैबरे डांसर रहीं। फिल्मों में उन्हें अपनी एक्टिंग का जौहर दिखाने का ज्यादा मौका तो नहीं मिला, लेकिन चंद मिनटों के रोल में वो गहरी छाप छोड़ जाती थीं। शुरुआत में कुछ फिल्मों के बाद उन्हें फिल्मों में डांसर के किरदार ही मिलने लगें और उन्होंने उन्हें भी बखूबी निभाया। उनके डांस के सभी लोग कायल थे।
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अगर ये कहा जाए कि लीना दास एक बेहतरीन कैबरे डांसर ही नहीं बल्कि एक्टिंग और हाव-भाव का भी बेजोड़ मेल थीं तो गलत नहीं होगा।
लीना ने डांस के अलावा फिल्मों में एक्टिंग भी की, लेकिन एक कैबरे डांसर के तौर पर वो ज्यादा जानी गईं।लीना ने ज्यादातर फिल्मों में खलनायिका का रोल अदा किया और उन्हें उसमें बेहद पसंद भी किया गया। ‘नामोंनिशान’, ‘जख्मी शेर’, ‘मेरा नाम है शबनम’ उनकी कुछ ऐसी फिल्में रहीं जिनमें उन्हें बेहद पसंद किया गया।