अमेरिकी राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह की आपाथापी में यह बात दब गई कि शपथ ग्रहण समारोह के ठीक पहले एक समारोह में उनके आशुंओं का प्रवाह निकल पड़ा। बाइडन अपनी भवनाओं पर काबू नहीं पा सके और रो दिए। दरअसल, बाइडन अमेरिका के सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति बनने वाले पहले व्यक्ति हैं। अमेरिकी सत्ता के शिखर पर पहुंचने की उनकी ललक ने उनके संघर्ष को काफी सघन किया। सत्ता के लिए उनका संघर्ष काफी लंबा चला। उन्होंने हार नहीं मानी और वह विजयी हुए। विजय भी ऐसी जो ऐतिहासिक रही।
दो बार मिली विफलता ने पस्त नहीं हुए बाइडन, हौसले का लोहा
जो बाइडन ने बुधवार को अमेरिकी के 46वें राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जॉन राबर्ट्स ने उनको शपथ दिलाई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वह सर्वाधिक रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए। इसके पूर्व वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में दो बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वह विजयी नहीं हुए। पहली बार वर्ष 1988 में वह राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े, लेकिन वह पराजित हुए। इसके बाद वर्ष 2008 में दूसरी बार उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन वह इस बार भी जीत हासिल करने में विफल रहे। बाइडन ने हार नहीं मानी। वर्ष 2020 में तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव वह विजयी हुए। एक कड़े मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को पराजित किया।
बोले बाइडन, उनके दिल पर हरदम डेलावेयर का ही नाम लिखा होगा
बाइडन शपथ ग्रहण समारोह के लिए वाशिंगठन डीसी जाने से ठीक पहले अपनी कर्मभूमि डेलावेयर पहुंचे। उन्होंने वहां आमलोगों के बीच एक भावुक भाषण दिया। भाषण के दौरान वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा सके और कई बार उनके आंखों से आंसू बहने लगे। दरअसल, 34 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद जब कोई व्यक्ति अपने सपनों को साकार होता देखता है तो शायद उसका भावुक होना लाजमी है। बाइडन के साथ भी यही हुआ। एक बड़ी जीत के बाद जब वह अपने गृहजनपद पहुंचे तो अत्यधिक भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में डेलावेयर का स्थान सदैव सर्वोपरि होगा। सबसे अलग होगा। उन्होंने भावुक होकर कहा कि जब उनका निधन होगा तब भी उनके दिल पर डेलावेयर का ही नाम लिखा होगा। उन्होंने डेलावेयर के लोगों के समक्ष अपनी सच्ची भावना का इजहार किया।