हमारे संसार में हर तरह के प्राणी रहते है और तरह -तरह के लोग भी रहते है। लेकिन उन्ही लोगों में छुपे होते है कई रहस्य जैसे की कोई हाथ देख क्र भविष्य बता देता है तो कोई माथे की लकीरें लेकिन कभी ये सुना होगा की ये मनुष्य सांप है और भेष बदलता है। पुरानी कथाओं में सुना होगा पहले दानव भी रहते थे जिनके शरीर बहुत बड़ा होता था। मुंह बहुत डरावना होता था.
ऐसे ही कुछ सांप होते थे जो अपनी भेस बदलकर इसान का रुप धारण कर लेते थे । कुछ मछलिया भी ऐसी थी जो जलपरी का रुप ले लेती थी .लोगों के पास ऐसी-ऐसी विघायें थी जो की अब कोई उनकी कल्पना भी नही कर सकता। । परशुराम वैदिक संस्कार के अनुसार स्थापित मंदारपेड अब मन्नारसला के रूप में जाना जाता है।यहँ स्थापित देवता अनंत, भगवान विष्णु को ऑर वासुकि भगवान शिवजी को प्रतिनिधित्व करता है।