ऑपरेशन आल आउट से हताश आतंकी सरगनाओं ने घाटी में अपने बिखरे नेटवर्क को फिर से मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है। आतंकी अब एक नई रणनीति के तहत अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। इसके लिए अब एकजुट होकर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
छह फरवरी को श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल से फरार लश्कर आतंकी अबु हंजूला उर्फ नवीद जट की सोशल मीडिया पर हिजबुल आतंकियों के साथ वायरल तस्वीरें इस ओर इशारा कर रही हैं। हाल ही में वायरल एक वीडियो में नवीद के साथ हिजबुल आतंकी सद्दाम और आदिल मलिक दिखाई दे रहा है।
एक अन्य तस्वीर में नवीद समीर टाइगर के साथ बंदूक के साथ खड़ा है। एक महीने में उसके दस से ज्यादा फोटो और दो से तीन वीडियो वायरल हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक नवीद की दक्षिण कश्मीर में मौजूद होने के इनपुट मिल चुके हैं। वह अभी तक सुरक्षा एजेंसियां की गिरफ्त से दूर है।
गौरतलब है कि पिछले साल ऑपरेशन आल आउट में अबु इस्माइल, जुनैद, ललहारी, दुजाना के अलावा नूर त्राली, खालिद और यासीन यत्तु, सब्जार, आकिब, मुजफ्फर अहमद नायकू, आदिल रेशी और कई बड़े आतंकी कमांडर मारे गए थे।
इसका नतीजा यह हुआ कि घाटी में आतंकी कमांडरों की कमी पड़ गई। इसके बाद ही पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं ने एकसाथ आने की रणनीति बनाई है।
साझा हमले की बढ़ी आशंका
आतंकी जिस तेजी से एकसाथ आ रहे हैं, उससे किसी बड़े आतंकी हमले से इनकार नहीं किया जा सकता। इन आतंकी संगठनों ने घाटी में आज तक साझा हमला नहीं किया, लेकिन नई रणनीति के तहत अब हमले में हिजबुल-लश्कर के आतंकी शामिल हो सकते है। फिलहाल जैश इस रणनीति से दूर है।
हिज्ब आतंकी बने नवीद के नए साथी
जेल में रहते समय ही नवीद जट हिज्ब से जुड़ने का मन बना चुका था। जेल में उसने हिजबुल के लिए सारा नेटवर्क तैयार किया। इसी शर्त पर हिजबुल ने उसे अस्पताल से भगाने का जिम्मा भी लिया।
नवीद को लश्कर के स्थानीय और विदेशी आतंकियों के बीच तालमेल बनाने और उनकी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने का भी जिम्मा सौंपा गया है। सूत्रों के मानें तो इसका कारण यह भी है कि घाटी में अपना वजूद खो चुका लश्कर लगातार कमजोर हो रहा है। शायद इसीलिए नवीद हिज्ब के साथ हो गया।