कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपने राज्य के लिए एक अलग झंडा चाहती है. सरकार ने झंडे को डिजाइन करने के लिए नौ मेंबर्स की एक कमेटी भी गठित की है. कमेटी झंडे की डिजाइन के साथ ही इस झंडे की कानूनी मान्यता को लेकर एक रिपोर्ट भी देगी. मीडिया की खबर के मुताबिक राज्य सरकार के 6 जून के ऑर्डर में कन्नड़ और संस्कृति विभाग के सचिव को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.
अगर इस तरह का झंडा वजूद में आता है तो जम्मू-कश्मीर के बाद यह दूसरा राज्य होगा जिसके पास अपना झंडा होगा. बता दें कि जम्मू-कश्मीर को संविधान की धारा-370 के तहत स्पेशल स्टेट्स दिया गया है. राज्य सरकार यह कदम विधानसभा 2018 चुनाव से पहले आया है.
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2012 में राज्य सरकार ने ठुकरा दी थी अलग झंडे की मांग
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक कर्नाटक सरकार का यह स्टैंड 2012 में अपने रुख से अलग है. बता दें 2012 में राज्य में बीजेपी की सरकार थी. तब भी इस तरह की मांग उठी थी. उस वक्त सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा था कि वह कर्नाटक के लिए लाल और पीले रंग के झंडे को नहीं अपना सकती है क्योंकि एक अलग झंडा देश की एकता और अखंडता के खिलाप होगा.
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झंडे की मांग का बीजेपी सरकार ने किया था विरोध
उस वक्त जब यह मसला जब राज्य विधानसभा में उठा था कन्नड़ और संस्कृति मंत्री गोविंद एम कारजोल ने कहा था, ‘ झंडा कोड राज्यों के लिए झंडे की अनुमति नहीं देता है. हमरा राष्ट्रीय ध्वज भारत की एकता और अखंडता और संप्रभता का प्रतीक है.अगर राज्यों का अपने अलग झंड़े होंगे तो यह राष्ट्रीय ध्वज के महत्व को कम करेगा. इसके साथ यह प्रांतवाद की भावनाओं को भी भड़का सकता है.’