श्रीनगर मेडिकल कालेज व एसोसिएटेड अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराते हुए गवर्नर एनएन वोहरा ने एस्मा लगा दिया है। हड़ताल पर बैठे तीन डाक्टरों को बर्खास्त भी कर दिया गया है। इस मामले में 65 डॉक्टरों को अब तक निलंबित किए जा चुके हैं।
बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में जीएमसी श्रीनगर के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान इरफान कयूम समेत डॉ. एजाज और डॉ. रमीद भी शामिल हैं। 30 डॉक्टरों को मंगलवार को और 35 डॉक्टरों को बुधवार को निलंबित किया गया था।
जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डॉ. सुनंदा ने बताया कि डीन मेडिकल काउंसिल की टीम के जीएमसी के दौरे के चलते अस्पताल की सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और न ही जूनियर डाक्टरों ने उन्हें हड़ताल का कोई नोटिस भेजा है।
1200 डॉक्टर दे सकते हैं सामूहिक त्यागपत्र
इरफान ने बताया कि जूनियर डॉक्टर शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की तर्ज पर जीएमसी श्रीनगर व अन्य एसोसिएटेड अस्पतालों के डॉक्टरों को वेतन, अन्य सुविधाओं के अलावा सुरक्षा पुख्ता करने और कैंटीन की सुविधा मुहैया करवाने की मांग कर रहे हैं। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी। 1200 डॉक्टर सामूहिक त्यागपत्र दे सकते हैं।
इसबीच राजकीय मेडिकल श्रीनगर व एसोसिएटेड अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में जम्मू के जीएमसी और अन्य एसोसिएटेड अस्पतालों के डॉक्टर भी बुधवार को हड़ताल पर चले गए।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जम्मू के अध्यक्ष डॉ. अमित ने बताया, ‘हड़ताल शुरू हो चुकी है और ओपीडी समेत रूटीन के ऑपरेशन प्रभावित रहे हैं। बृहस्पतिवार को हड़ताल का ज्यादा असर देखने को मिलेगा। इमरजेंसी को मुक्त रखा गया है।’
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