उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर में कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए बदायूं जिले के निवासी सेना के जवान मोहित राठौर को रविवार को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। राज्य सरकार की एक प्रवक्ता ने रविवार को यहां जारी एक बयान में बताया कि मुख्यमंत्री ने शहीद जवान राठौर के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। आदित्यनाथ ने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद मोहित राठौर के नाम पर करने का भी ऐलान किया है।
CM ने शहीद जवान के परिजनों को 50 लाख रुपए की सहायता का किया ऐलान
मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने शहीद राठौर के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी। इस बीच, बदायूं की जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शनिवार को आतंकी हमले में शहीद हुए राइफलमैन राठौर का अंतिम संस्कार रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। राठौर (27) अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। वह 2017 में सेना में भर्ती हुए थे।
शहीद राठौर के परिवार में हैं पिता, तीन बहनें और पत्नी
इस्लामनगर के थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने शनिवार को बताया था कि राठौर किसान नत्थू सिंह के इकलौते बेटे थे तथा कई साल पहले उनकी मां कलावती का निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले उनकी शादी बदायूं के वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव करेंगी निवासी रुचि चौहान से हुई थी। राठौर के परिवार में पिता, तीन बहनें और पत्नी हैं। उनकी दो बहनों की शादी हो चुकी है जबकि एक बहन अभी अविवाहित है। हरेंद्र कुमार ने कहा कि राठौर जनवरी में छुट्टी पर आए थे और फिर 14 फरवरी को वापस ड्यूटी पर चले गए थे।
गोलीबारी में एक पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया
सैन्य सूत्रों ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के कमाकारी सेक्टर में शनिवार को पाकिस्तान की ‘बॉर्डर एक्शन टीम’ के हमले को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया, जिसमें एक जवान शहीद हो गया और एक कैप्टन समेत चार अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि गोलीबारी में एक पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया, जबकि दो और घुसपैठिए घंटों तक चली भीषण गोलीबारी के बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर लौटने में कामयाब रहे।