जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता से सुबह आठ बजकर 59 मिनट पर धरती हिली है। भूकंप का केंद्र कटरा के 84 किलोमीटर दूर में बताया जा रहा है। इस बात की जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी है।
इससे पहले 14 से 16 जून के बीच बार जम्मू-कश्मीर की धरती भूकंप के कारण हिली थी। हालांकि अब तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। 16 जून के आए भूकंप का केंद्र भी कटरा से 85 किलोमीटर पूर्व में था और तीव्रता 3.9 मापी गई थी।
Earthquake of magnitude 4.0 on the Richter scale struck 84kms east of Katra, Jammu and Kashmir at 0856 hours today: National Center for Seismology
— ANI (@ANI) June 30, 2020
16 जून को ही सुबह 7 बजे भी मध्यम तीव्रता का भूकंप आया था। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.8 मापी गई। अधिकारियों ने कहा था कि सुबह भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान क्षेत्र में था और इसकी गहराई पृथ्वी की सतह के भीतर 100 किलोमीटर थी।
भूकंप की दृष्टि से कश्मीर ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहां भूकंप आने की अत्यधिक आशंका रहती है। पहले भी कश्मीर में भूकंप ने खासा कहर बरपाया है। 8 अक्टूबर, 2005 को रिक्टर पैमाने पर 7.6 तीव्रता के भूकंप से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों ओर 80,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
भूकंप आए तो क्या करें
भूकंप के दौरान मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में अगर आप मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। इसके बाद खुले मैदान की ओर भागें।भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं होती। भूकंप आने की स्थिति में किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं, जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल करना ही उचित होता है।
भूकंप के दौरान घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें। इसके अलावा घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है।