चीन ने भारतीय सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान के जवाब में उग्र तेवर दिखाना जारी रखा है. चीन ने विवादित क्षेत्र डोकलाम में अपनी सेना की तैनाती बरकरार रखने की बात कही है.
चीन ने कहा है कि डोकलाम पर कोई विवाद नहीं है और उसकी सेना यहां पैट्रोलिंग जारी रखेगी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने पाक में सैन्य बेस बनाने और अरुणाचल प्रदेश पर भी अपने देश का नजरिया सामने रखा है.
इससे पहले जनरल रावत ने कहा था कि डोकलाम में सैनिकों की संख्या में कमी आ रही है. इस पर चीन ने कहा है कि वह अपने सैनिकों को डोकलाम से नहीं हटाने जा रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है, ‘डोकलाम चीन का इलाका रहा है और हमेशा से चीन के प्रभावी अधिकार क्षेत्र में है. इस विषय पर कोई विवाद नहीं है.’
चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा है, ‘चीन की सीमा पर तैनात सैनिक यहां पैट्रोलिंग करते रहेंगे और ठिकाने भी बनाएंगे. ऐतिहासिक समझौतों और संप्रभु देश होने के नाते ऐसा करना चीन का अधिकार है.’
लू कांग ने अरुणाचल प्रदेश पर कहा, ‘यह फिर से दोहराया जाना चाहिए कि पूर्वी चीन और भारत की सीमा पर बड़ा विवाद है. इसलिए हमें आपसी सहमति से एक नतीजे पर पहुंचना होगा. इससे पहले हमें वहां सुरक्षा और शांति कायम करनी होगी.’
कांग ने आगे कहा, ‘हम सभी प्रासंगिक विवादों को सीमा संबंधी ऐतिहासिक समझौतों के तहत व्यवस्थित तरीके से सुलझा सकते हैं.’
चीनी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाने पर कहा, ‘हमें नहीं पता कि इस बारे में बाहर क्या कहा जा रहा है. सीपीईसी का निर्माण ‘बेल्ट एंड रोड’ बनाने का काफी अहम हिस्सा है. चीन और पाकिस्तान की कोशिश है कि सीपीईसी से दोनों देशों और वहां के लोगों को फायदा हो. इसलिए दूसरे देशों को इस बारे में ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए.’
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