दुनिया भर में बहुत सारे ऐसे लोग होंगे जोकि सदेव नास्तिक रहते है। इनमे से काफी सारे लोग तो भगवान के वजूद पर ही सवाल उठाने लगते है। ऐसे में नरसिंह भगवान की जर्मनी में 40 हज़ार साल पुरानी प्रतिमा पाई गई है। इस प्रतिमा के मिलने से ये साफ़ हो गया है की भगवान का वजूद असल दुनिया में भी होता है। फिलहाल यह मूर्ति जर्मनी में Ulm के Ulmer Museum में रखी हुई है।
जर्मनी में मिली यह प्रतिमा भगवान विष्णु के चौथे अवतार ‘नरसिंह’ से मिलती जुलती है। पुराणों में नरसिंह को इस प्रतिमा जैसा ही दिखाया गया है। नरसिंह भगवान भी, न तो इन्सान थे, न ही जानवर।
इस मूर्ति की खोज सन् 1939 में जर्मनी के Hohlenstein-Stadel नामक गुफा में की गई थी। इसकी लंबाई 29.6 सेंटीमीटर है। जर्मनी के पुरातत्व विभाग के लिए यह मूर्ती थोड़ी अजीब थी, क्योंकि इसका सिर तो शेर का था, लेकिन धड़ इंसान जैसा।
इस मूर्ति पर रिसर्च चल रही थी, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वो रिसर्च ठप पड़ गई थी। जब यह मूर्ति मिली थी, तो यह खुदी हुई अवस्था में थी। सन् 1997 के करीब इस मूर्ति के और हिस्से पाए गए। इस प्रतिमा के लिंग को लेकर बहस चल रही है।
शुरुआत में यह मूर्ति किसी नर-जीव की मानी जा रही थी। लेकिन बाद में इस मूर्ति के कुछ और भाग भी पाए गए थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह न नर है और न ही मादा। बाद में जर्मनी की बाकी जगहों पर भी ऐसी प्रतिमाएं पाई गई थी। जिससे यह पता लगता था कि पुराणों में ऐसे जीवों को विशेष दर्जा दिया गया था।