जल्लीकट्टू के समर्थन में बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। शनिवार को ट्वीट कर पीएम मोदी ने कहा, “”केन्द्र सरकार पूरी तरह से तमिलनाडु की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा राज्य की प्रगति के नए रास्ते सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगी।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि तमिल लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं
आपको बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला नहीं सुनाने का केंद्र का आग्रह मान लिया। केंद्र ने न्यायालय को बताया कि इस मुद्दे के समाधान को लेकर वह तमिलनाडु के साथ बातचीत कर रहा है।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ को बताया कि जल्लीकट्टू से तमिलनाडु के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं और केंद्र तथा राज्य सरकार इस मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं शनिवार को डीएमके लीडर एम.के. स्टालिन और कनिमोझी सहित कई द्रमुक नेताओं ने जल्लीकट्टू के समर्थन में एक दिन की भूख हड़ताल का ऐलान किया है।
जल्लीकट्टू पर अध्यादेश को केंद्र की हरी झंडी
जल्लीकट्टू के आयोजन पर लगी रोक के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस खेल के आयोजन से जुड़े एक अध्यादेश को हरी झंडी दे दी। अध्यादेश का प्रस्ताव तमिलनाडु के सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा था। इससे पहले बृहस्पतिवार को वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले थे।
पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को अध्यादेश का प्रस्ताव राजनाथ सिंह को सौंपा था। केंद्र सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पर तेजी से कार्यवाही की और देर रात विधि और पर्यावरण मंत्रालय ने इसे अपनी मंजूरी दे दी। इसके बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया।अध्यादेश को शनिवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। इसके बाद तमिलनाडु के राज्यपाल पशु निर्ममता निवारण अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश लाएंगे। उधर, तमिलनाडु में मरीना बीच पर जल्लीकट्टू से रोक हटाने के लिए पिछले पांच दिनों से प्रदर्शन हो रहा है।
शुक्रवार को प्रदर्शन में करीब एक लाख लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन में छात्र मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। अध्यादेश को हरी झंडी मिलने का प्रदर्शनकारियों ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वे तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक की प्रदेश में जल्लीकट्टू का आयोजन नहीं होता।