बांदा: उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के बांदा जिले में भीषण पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी हीरालाल ने बुधवार को शहर के एक पुराने कुएं की पूजा अर्चना की है। गुरुवार को इलाके में इस विशेष पूजन की काफी चर्चा हो रही है।

यूपी के बांदा शहर और आस.पास के कई गांवों में पिछले कई दिनों से भीषण पेयजल संकट छाया हुआ है। चार दिन पहले जिलाधिकारी हीरालाल ने भारी पुलिस बल भेजकर केन नदी की खुदाई करवाई थी फिर भी पीने का पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पाया तो उन्होंने बुधवार को सभी अधिकारियों के साथ शहर के खिन्नी नाका मुहल्ले के पुराने मोदी कुआं की विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा.अर्चना की।
इस पूजन के बाद जिलाधिकारी हीरालाल ने मीडिया से कहा पहले लोग कुआं तालाबों को भगवान मानकर शादी विवाह और त्योहारों में पूजा किया करते थेए अब इन्हें कूड़ा करकट से पाटा जा रहा है। इसी से कुएं नाराज हो गए हैं और पानी देना बंद कर दिया है। पूजा कर भगवान रूपी कुएं को खुश करने की कोशिश की गई है ताकि कुआं पीने का पानी उपलब्ध करा सके।
वहीं जिलाधिकारी के इस पूजन को लोग अंधविश्वास से जोड़कर देख रहे हैं। बुंदेलखंड इंसाफ सेना के प्रमुख एएस नोमानी का कहना है कि बालू के अंधाधुंध अवैध खनन से केन नदी सूख गई है जिससे भूगर्भ का जलस्तर नीचे चला गया है।
नतीजतन भीषण पेयजल संकट पैदा हुआ है। भूगर्भ जलस्तर के बचाव के बजाय जिलाधिकारी अंधविश्वास आधारित प्रक्रिया अपनाकर लोगों का ध्यान भटका रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएम जिले के लोगों को अंधविश्वासी बनाने पर आमादा हैं यह बहुत ही अफसोस की बात है।
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