टमाटर एक ऐसा फल या सब्ज़ी है, जो आपको हर तरह के सलाद और पकवान में मिल जाएगा। खट्टे-मीठे टमाटर अपने स्वाद की वजह से हर खाने में इस्तेमाल किए जाते हैं। कुछ लोगों को कच्चे टमाटर मज़ेदार लगते हैं, तो कुछ सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसे ज़रूर डालते हैं।
पोषण की बात करें, तो टमाटर विटामिन-सी का एक समृद्ध स्रोत है और एक एंटीऑक्सिडेंट जिसे लाइकोपीन के रूप में जाना जाता है, जो सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव के कम जोखिम से जुड़ा हुआ है। टमाटर के स्वाद की वजह से या फिर लाभ, कुछ लोग टमाटर का सेवन ज़रूरत से ज़्यादा कर लेते हैं। हालांकि, हम में से काफी कम लोग इस बात को समझ पाते हैं, कि ज़रूरत से ज़्यादा टमाटर फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगता है।
तो आइए जानें कि ज़्यादा टमाटर खाने से किस तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं?
एसिडिटी: टमाटर प्राकृतिक तौर पर एसीडिक होता है, जो इसके खट्टे स्वाद का मुख्य कारण भी है। इसलिए, इन्हें ज़्यादा खाना से सीने में जलन या एसिड रीफ्लक्स की समस्या हो सकती है। अगर आप अक्सर एसीडिटी से जूझते हैं तो टमाटर का सेवन करते वक्त एहतियात बरतें।
त्वचा के रंग पर असर पड़ना: यह सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन ज़्यादा टमाटर खाने से आप त्वचा संबंधी दिक्कतों से भी जूझ सकते हैं। यह लाइकोपेनोडर्मिया को ट्रिगर कर सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें रक्त में लाइकोपीन का स्तर त्वचा के रंग को बदल सकता है और उसे बेजान भी बना सकता है।
एलर्जिक रिएक्शन: हिस्टामाइन एक ऐसा कंपाउंड है जो टमाटर में पाया जाता है, जिसकी वजह से इसे खाते ही खांसी, छींक, त्वचा पर चकत्ते और गले में खुजली जैसे रिएक्शन हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको इससे एलर्जी है तो सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
जोड़ों में दर्द: टमाटर में सोलनिन नाम का एल्कालॉइड होता है, जो जोड़ों की सूजन और दर्द के लिए ज़िम्मेदार होता है। टमाटर का अत्यधिक सेवन ऊतकों में कैल्शियम के निर्माण के जोखिम को बढ़ाकर जोड़ों में सूजन भी कर सकता है। अगर आप पहले से ही जोड़ों के दर्द से जूझ रहे हैं, तो टमाटर का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है।
किडनी में पत्थरी: टमाटर में कुछ यौगिकों को पाचक रसों से तोड़ना मुश्किल हो सकता है। नतीजतन, कैल्शियम और ऑक्सालेट शरीर में जमा हो सकते हैं और गुर्दे की पथरी बनने के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं।