आम आदमी पार्टी (आप) में जाति आधारित राजनीति के हालिया आरोपों के बीच, पूर्व पार्टी के सदस्य आशुतोष ने दावा किया कि उनके विरोध प्रदर्शन के बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पेश होने के दौरान उनका उपनाम इस्तेमाल किया गया था. पूर्व पत्रकार आशुतोष ने लिखा, “मेरे पत्रकारिता के 23 वर्षों में, किसी ने भी मेरी जाति, उपनाम से नहीं पूछा, मुझे मेरे नाम से जाना जाता था. लेकिन जैसा कि मुझे 2014 में लोकसभा उम्मीदवार के रूप में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पेश किया गया था, मेरे विरोध के बावजूद मेरे उपनाम का इस्तेमाल किया गया था.
उन्होंने आगे लिखा कि “बाद में मुझे बताया गया सर, आप जीतोगे कैसे आपके जाति का यहाँ काफी वोट हैं.” हालाँकि बाद में आशुतोष ने यह स्पष्ट भी किया कि उनके ट्वीट को पार्टी पर हमले के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने लिखा “टीवी चैनल्स द्वारा मेरे ट्वीट्स को गलत र्रोप में लिया जाता है, मैं अब आप के साथ नहीं हूं, पार्टी अनुशासन से बाध्य नहीं हूं और अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हूं, ऐसे में ‘आप’ पर हमले के रूप में मेरे शब्दों को श्रेय देना गलत होगा, यह मीडिया स्वतंत्रता का सकल हेरफेर होगा, मुझे छोड़ दो, मैं ‘आप’ ब्रिगेड का सदस्य नहीं हूँ.
आशुतोष का बयान वरिष्ठ आप नेता अतीशी से जोड़कर देखा जा रहा है, जिन्होंने अपना अंतिम नाम – मार्लेना छोड़ दिया, उनका ट्विटर हैंडल बदलकर @AtishiAAP हो गया है, सूत्रों ने दावा किया है कि आतिशी को अपना उपनाम छोड़ने के लिए पार्टी द्वारा मजबूर किया गया है, क्योंकि ‘मार्लेना’ ईसाई उपनाम समझा जाता है. हालाँकि ‘आप’ ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि ‘उनका असली नाम अतीशी सिंह है और राजपूत समुदाय से संबंधित है, लेकिन एक मॉर्डन और प्रगतिशील परिवार से होने के कारण उन्होंने कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन से जुड़ा मार्लेना उपनाम रख लिया था. लेकिन अब आगामी चुनावों के लिए उन्होंने मार्लेना को हटाने का फैसला किया है, फिर भी इससे उनके उत्पत्ति पर कोई असर नहीं पड़ता
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