FDA की एक टीम 24 अक्टूबर को रूटीन जांच पड़ताल के लिए निकली थी। उस दौरान टीम जिस फार्मा स्टोर पर पहुंची थी वहां उसने पाया कि 82 दवाएं ऐसी थीं जिसपर गलत लेबल लगा हुआ था। वे असल में जानवरों को देने वाली दवाईयां थीं लेकिन उनके ऊपर से अलग लेबल लगा दिया गया था जिसपर लिखा था कि वह दवाईयां मनुष्य के इस्तेमाल की हैं।
इसके बाद कुछ और दुकानों की चैकिंग हुई जिसके बाद इस पूरे गोरखधंधे के तार गाजियाबाद और पंजाब तक से जुड़ गए। गाजियाबाद के एक थोक व्यापारी और थाणे के कुछ विक्रेताओं के यहां पड़े छापे में ऐसी तीन हजार दवाएं जब्त की गई थीं। इन दवाईयों को पंजाब में बनाया गया था, आने वाले वक्त में उस कंपनी से भी बात की जाएगी।