नई दिल्लीः पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की 60 साल में और बॉलीवुड अदाकारा रीमा लागू की 59 साल की उम्र में अचानक मृत्यु होने ने बगैर किसी चेतावनी के पड़ने वाले दिल का दौरा के बारे में चिंता बढ़ा दी है. दवे को हृदय से जुड़ी गंभीर समस्या होने के बारे में कोई संकेत नहीं था.
उन्होंने कल देर रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक बैठक की थी. वहीं, रीमा के परिवार ने बताया कि उनके साथ स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या नजर नहीं आ रही थी. हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि भारतीयों में जीवन प्रत्याशा बढ़ी है जबकि युवावस्था में ही लोगों को दिल के दौरे पड़ रहे हैं.
AIIMS के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप मिश्रा ने बताया कि 55 साल की आयु के नीचे करीब 50 फीसदी भारतीय दिल का दौरा पड़ने से ग्रसित हैं जबकि 25 फीसदी दिल का दौरा पड़ने का मामला 40 साल से नीचे के उम्र में है. इसलिए यह आत्मावलोकन करने और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव की मांग करता है.
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि व्यायाम नहीं करने के चलते मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसे रोग होते हैं जो दिल का दौर पड़ने की साझा वजह हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि तंबाकू ने इस जोखिम को और बढ़ाया है. डॉ मिश्रा ने कहा कि हम संक्रामक रोगों को काबू कर मृत्यु दर में कमी लाने में सक्षम रहे हैं लेकिन जीवनशैली से जुड़ी मौतें बढ़ रही हैं.
सर गंगा राम अस्पताल के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ जेपीएस साहने के मुताबिक भारत में जिन लोगों को हृदय रोग है या जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है, वे पश्चिमी देशों में इसी तरह की समस्या वाले लोगों की तुलना में आठ से 10 साल छोटे हैं. उन्होंने कहा कि 50 फीसदी मामलों में बगैर चेतावनी के दिल का दौर पड़ता है.
डॉक्टरों ने कहा कि भारत में समय से पहले दिल का दौरा पड़ने की एक अहम वजह ‘हाइपरकोलेस्टेरोलेमिया’ है जो एक आनुवांशिक स्थिति है. यह उच्च कॉलेस्टेरोल की वजह है. व्यायाम और एक अच्छा आहार और तनाव नहीं लेना या धूम्रपान नहीं करना, कुछ ऐसी चीजें हैं जो हृदय से जुड़ी समस्याओं से बचा सकती हैं.