नई दिल्ली: टी-20 वर्ल्डकप में न्यूजीलैंड के हाथों मैच हारने के बाद टीम इंडिया ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने की कगार पर खड़ी है। हार के बाद निराश फैंस ने ट्विटर पर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को प्रतिबंधित करने की मांग तक कर डाली। उनका मानना है कि ऐसी लीग का क्या लाभ जिसमें हाल ही में खेलने के बाद भी भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या IPL खेलने से ही खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर का दबाव झेलने के लायक हो पाते हैं? 
IPL 2021 में जमकर धमाल मचाया:-
भारतीय स्क्वॉड में मौजूद अधिकतर खिलाड़ियों ने हाल ही में IPL 2021 खेला था। इनमें से अधिकतर खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया था। कुछ खिलाड़ियों ने खूब रन बनाए थे और गेंदबाज़ों ने भी कहर बरपाया था। इसके बाद भी कई खिलाड़ी विश्व कप में दबाव नहीं झेल सके और बुरी तरह फ्लॉप हुए।
टीम प्रबंधन में हुई चूक :-
IPL में खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी पिछले सात महीने में केवल दो टी-20 श्रृंखला खेल पाए। इससे यह हुआ कि कप्तान कोहली और टीम प्रबंधन को अपने संसाधनों का पता नहीं चल सका कि ये हमारे स्ट्राइक गेंदबाज हैं और ये हमारे स्ट्राइक बल्लेबाज हैं। मार्च में इंग्लैंड के विरुद्ध टी-20 श्रृंखला के बाद कोहली ने कहा था कि वे टी-20 वर्ल्डकप में रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत करने उतर सकते हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
सलामी जोड़ी ही फिक्स नहीं :-
विराट कोहली ने पूरे IPL में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए पारी की शुरुआत की। हालांकि, वर्ल्ड कप में आते ही उन्होंने केएल राहुल और रोहित को ओपनिंग में भेजा। पाकिस्तान के खिलाफ एक मुकाबला हारने के बाद टीम इंडिया दबाव नहीं झेल सकी और उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम एकादश बदल दी। साथ ही अपने मुख्य बल्लेबाज रोहित को तीसरे नंबर पर भेज दिया, ये दबाव भारत की हार की मुख्य वजह बनी।
क्या कर सकती है BCCI :-
अब यह सोचना BCCI का काम है कि वे इस टीम इंडिया को किस प्रकार ऊपर ला सकते हैं। साथ ही IPL के स्ट्रक्चर को किस प्रकार ढाला जाए, ताकि उससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी सुधार आ सके। बता दें कि भारत को अब 3 नवंबर पर अफगानिस्तान, 5 नवंबर को स्कॉटलैंड और 8 नवंबर को नामीबिया के खिलाफ मैच खेलना है।
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