ज्योतिष में सुख मुख्य रूप से चन्द्रमा से देखा जाता है. इसके अलावा सुख के लिए शुक्र की भी भूमिका होती है. कुंडली के हर ग्रह और हर भाव से अलग अलग तरह का सुख देखा जाता है. हस्तरेखा में , हथेलियों के रंग से सुख की स्थिति देखी जाती है. इसके अलावा आपका मस्तक भी सुख के बारे में बताता है.
सेहत का सुख
– इसके लिए कुंडली का चन्द्रमा और लग्न का स्वामी जिम्मेदार होते हैं
– चन्द्रमा के मजबूत होने पर व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है
– अगर चन्द्रमा कमजोर है परन्तु बृहस्पति अच्छा है तब भी सेहत का सुख मिल जाता है
– राहु के ख़राब होने पर सबसे ज्यादा सेहत में समस्या होती है
– अच्छा स्वास्थ्य होने के बावजूद व्यक्ति वहम का शिकार होता है
– शनि के कारण सेहत का सुख लम्बे समय तक मिलने में बाधा आती है
सेहत का सुख पाने के उपाय
– सोमवार का उपवास रक्खें , शिव जी की आराधना करें
– हर शनिवार को अन्न या भोजन का दान करें
– अपनी कुंडली के लग्न के स्वामी का रत्न धारण करें
– अपने सिरहाने जल में डुबा कर कुश घास रक्खें
– माता पिता के नित्य प्रातः चरण स्पर्श करें
नौकरी और रोजगार का सुख
– नौकरी रोजगार का सुख या तो शनि से मिलता है या बृहस्पति से
– दोनों में से कोई एक भी मजबूत हो तो रोजगार की समस्या नहीं हो सकती
– अगर दोनों कमजोर हों तो रोजगार के लिए ठोकर खानी पड़ती है
– शनि के ख़राब होने पर नौकरी मिलती ही नहीं है , स्थिरता ही नही आती
– बृहस्पति के ख़राब होने पर रोजगार के लिए व्यक्ति खुद अपना नुक्सान कर लेता है
नौकरी और रोजगार का सुख पाने का उपाय
– नित्य सायंकाल शनिमंत्र का जाप करें
– माथे पर सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाएं
– एक लोहे का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें
– रसोई में पूरी तरह साफ़ सफाई रक्खें
– शनिवार को काले चने जरूर खाएं
विवाह और वैवाहिक जीवन का सुख
– महिलाओं के विवाह सुख के लिए बृहस्पति जिम्मेदार होता है
– पुरुषों के वैवाहिक सुख के लिए चन्द्र और शुक्र जिम्मेदार होते हैं
– कुल मिलाकर वैवाहिक सुख शुक्र से ही नियंत्रित होता है
– वैवाहिक सुख में सबसे ज्यादा बाधा शुक्र और मंगल के ख़राब होने से आती है
– इसके अलावा अगर बृहस्पति गड़बड़ हुआ तो विवाह ही नही होता
उपाय
– नित्य प्रातः सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें
– हर बृहस्पतिवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
– केले की जड़ पीले धागे में गले में धारण करें
– घर के मुख्य द्वार पर बृहस्पतिवार को हल्दी से स्वस्तिक बनायें
– जहाँ तक हो सके घर में शुक्रवार को चावल की खीर जरूर बनायें खाएं