शारदीय नवरात्र में इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और इसी वाहन पर सवार होकर मां का प्रस्थान भी होगा। यह जानकारी पंडित सुधानंद झा ने दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को मां का आगमन और बुधवार को प्रस्थान है। दोनों ही दिनों में मां का वाहन हाथी होगा। हाथी पर आगमन-प्रस्थान से आशय समाज, देश और विश्व पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। धन्य-धान से लोग परिपूर्ण होंगे। लेकिन बाढ़ का खतरा बना रहेगा। कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि के कारण सुखाड़ की स्थिति पैदा होगी। इससे समाज को निबटना होगा। हाथी पर आगमन-प्रस्थान से मतलब शुभ वृष्टि और सुखद भविष्य। रोग, शोक, ताप सब दूर होता है।
इस बार नौ दिनों की नवरात्रि है। 26 सितंबर को कलश स्थापना है। 2 अक्तूबर को महासप्तमी, 3 को महाष्टमी, 4 को महानवमी और 5 अक्टूबर को विजया दशमी है। एक भी दिन तिथि क्षय नहीं है। महालया 25 सितंबर को है। जमशेदपुर में भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का त्योहार मनता है। पूजा-पंडालों में मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है। तंत्र और वैष्णव दोनों पद्धति से पूजा होती है।
आगमन-प्रस्थान की सवारी का जीवन पर पड़ता है असर :ऐसी मान्यता है कि मां के आगमन-प्रस्थान की सवारी लोगों के जीवन पर शुभ-अशुभ असर डालती है। मान्यताओं के मुताबिक, मां शेर के अलावा हाथी, घोड़ा, नाव और डोली की भी सवारी करती है। 2021 में मां दुर्गा का आगमन डोली पर हुआ था और प्रस्थान हाथी पर।
जानिए इस बार कितने दिनों की होगी नवरात्रि, यहाँ जानें कलश स्थापना कब
Shardiya navratri 2022 maha ashtami navami : शारदीय नवरात्र में इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और इसी वाहन पर सवार होकर मां का प्रस्थान भी होगा। यह जानकारी पंडित सुधानंद झा ने दी।
शारदीय नवरात्र में इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और इसी वाहन पर सवार होकर मां का प्रस्थान भी होगा। यह जानकारी पंडित सुधानंद झा ने दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को मां का आगमन और बुधवार को प्रस्थान है। दोनों ही दिनों में मां का वाहन हाथी होगा। हाथी पर आगमन-प्रस्थान से आशय समाज, देश और विश्व पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। धन्य-धान से लोग परिपूर्ण होंगे। लेकिन बाढ़ का खतरा बना रहेगा। कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि के कारण सुखाड़ की स्थिति पैदा होगी। इससे समाज को निबटना होगा। हाथी पर आगमन-प्रस्थान से मतलब शुभ वृष्टि और सुखद भविष्य। रोग, शोक, ताप सब दूर होता है।
इस बार नौ दिनों की नवरात्रि है। 26 सितंबर को कलश स्थापना है। 2 अक्तूबर को महासप्तमी, 3 को महाष्टमी, 4 को महानवमी और 5 अक्टूबर को विजया दशमी है। एक भी दिन तिथि क्षय नहीं है। महालया 25 सितंबर को है। जमशेदपुर में भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का त्योहार मनता है। पूजा-पंडालों में मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है। तंत्र और वैष्णव दोनों पद्धति से पूजा होती है।
आगमन-प्रस्थान की सवारी का जीवन पर पड़ता है असर :ऐसी मान्यता है कि मां के आगमन-प्रस्थान की सवारी लोगों के जीवन पर शुभ-अशुभ असर डालती है। मान्यताओं के मुताबिक, मां शेर के अलावा हाथी, घोड़ा, नाव और डोली की भी सवारी करती है। 2021 में मां दुर्गा का आगमन डोली पर हुआ था और प्रस्थान हाथी पर।
शारदीय नवरात्र में इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और इसी वाहन पर सवार होकर मां का प्रस्थान भी होगा। यह जानकारी पंडित सुधानंद झा ने दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को मां का आगमन और बुधवार को प्रस्थान है। दोनों ही दिनों में मां का वाहन हाथी होगा। हाथी पर आगमन-प्रस्थान से आशय समाज, देश और विश्व पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। धन्य-धान से लोग परिपूर्ण होंगे। लेकिन बाढ़ का खतरा बना रहेगा। कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि के कारण सुखाड़ की स्थिति पैदा होगी। इससे समाज को निबटना होगा। हाथी पर आगमन-प्रस्थान से मतलब शुभ वृष्टि और सुखद भविष्य। रोग, शोक, ताप सब दूर होता है।
इस बार नौ दिनों की नवरात्रि है। 26 सितंबर को कलश स्थापना है। 2 अक्तूबर को महासप्तमी, 3 को महाष्टमी, 4 को महानवमी और 5 अक्टूबर को विजया दशमी है। एक भी दिन तिथि क्षय नहीं है। महालया 25 सितंबर को है। जमशेदपुर में भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का त्योहार मनता है। पूजा-पंडालों में मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है। तंत्र और वैष्णव दोनों पद्धति से पूजा होती है।
आगमन-प्रस्थान की सवारी का जीवन पर पड़ता है असर :ऐसी मान्यता है कि मां के आगमन-प्रस्थान की सवारी लोगों के जीवन पर शुभ-अशुभ असर डालती है। मान्यताओं के मुताबिक, मां शेर के अलावा हाथी, घोड़ा, नाव और डोली की भी सवारी करती है। 2021 में मां दुर्गा का आगमन डोली पर हुआ था और प्रस्थान हाथी पर।
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