राष्ट्रीय ज्योतिष शोध संगोष्ठि में ज्योतिषियों ने बताया कि ग्रहों की जिन स्थिति के कारण 1962 में भारत और चीन का युद्घ हुआ था। 55 साल बाद 2017 में भी ऐसा संयोग बन रहा है कि सबकुछ तबाह हो सकता है। 
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ज्योतिषियों ने ग्रहों की चाल पर चिंतन-मंथन किया। शोध संगोष्ठी में ज्योतिषाचार्य अरुण बंसल ने बताया कि पांच फरवरी 1962 को छह ग्रह एकत्र हुए थे, उसके बाद भारत-चीन का युद्ध शुरू हो गया था।
कहा कि इस बार नवंबर में नौ ग्रह एकत्र हो रहे हैं। इसके विपरीत चंद्रमा आ रहा है, जो आपदा और अनिष्ट का संकेत दे रहा है। ऐसे में नवंबर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी में कोई बड़ी आपदा आ सकती है।
इस अवधि में युद्ध और भूकंप की आशंका है। उन्होंने बताया कि ऐसा योग सैकड़ों वर्षों में बनता है।
इससे पहले नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने ज्योतिषाचार्य रमेश सेमवाल की रचित श्री देवभूमि पंचांग के वार्षिक अंक का विमोचन किया।
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