जानिए किन नदियों के जलस्तर बढने से 160 गांवों में घुसा पानी, 52687 ग्रामीण हुए प्रभावित
गोरखपुर में राप्ती-सरयू और गोर्रा नदी में बुधवार को भी उफान जारी रहा। रोहिन नदी स्थिर हो गई है। नदियों में आई बाढ़ की वजह से जिले के 160 गांवों के 52687 ग्रामीण प्रभावित हो गए हैं। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद के लिए जिम्मेदार विभागों को उतार दिया है। बुधवार को प्रभावित ग्रामीणों के बीच 7849 पैकेट खाद्यान्न राहत किट वितरित किया गया। ग्रामीणों को बंधे या अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए 7840 तिरपाल भी उपलब्ध कराए गए हैं।
नेपाल में हो रही बारिश की वजह से राप्ती, सरयू और गोर्रा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। आमी नदी भी उफान पर है। रोहिन का पानी जरूर स्थिर हो गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से बुधवार को जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 120 से बढ़कर 160 हो गई है। गांवों के लोग अपने पशुओं को लेकर बंधों तथा अन्य ऊंचे स्थानों पर पहुंचकर डेरा डाल रहे हैं। लोगों के सामने खाने-पीने की दिक्कत उत्पन्न होने लगी है। तकरीबन 73 गांव पूरी तरह मैरूंड हो गए हैं। इन गांवों का हाल काफी बुरा हो गया है। इन गांवों के लोग दूसरी जगहों पर शरण ले रहे हैं। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद के लिए 153 नावें लगवा दी हैं।
बाढ़ की विभीषिका और इससे जूझ रहे ग्रामीणों के सामने खड़े हुए संकट को देखते हुए जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने राहत पहुंचानी शुरू कर दिया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों के बीच 7840 पैकेट खाद्यान्न राहत किट वितरित कराया है। लोगों को पीने के पानी को रखने के लिए 15680 जेरीकेन दिए गए हैं। साथ ही 15000 खाद्यान्न राहत किट की और व्यवस्था कराई जा रही है।
खजनी क्षेत्र के 18 गांव बाढ़ से प्रभावित खजनी तहसील के 18 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एसडीएम सिद्धार्थ पाठक व नायब तहसीलदार हरीश यादव ने बाढ़ प्रभावित गांवों दौरा कर तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए है। भाजपा मंडल अध्यक्ष राम प्रकाश चौरसिया ने बताया कि जमौली वं सोहरा गांव मैरूंड हो गए हैं। बाढ़ से 18 गांव की तीन हजार जनसंख्या व 250 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हैं। गांव से निकलने के लिए 17 नावें लगी है।
बाढ़ में 6411 हेक्टेयर फसल बर्बाद राप्ती-रोहिन, सरयू और गोर्रा नदी में आई उफान की वजह से जिले के 160 गांवों के तकरीबन 54687 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में तकरीबन 73 गांव मैरूंड हो गए हैँ। बाढ़ के पानी से 8366.31 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। ग्रामीणों की मदद के लिए जिला प्रशासन ने 153 नावें लगा दी हैं।
71 टीमें ग्रामीणों की मदद को उतरीं बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की मदद के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग की 71 टीमें लगाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों का इलाज कर रही हैं। ग्रामीणों के बीच क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के मुताबिक स्वाथ्य विभाग की टीमों ने 5703 लोगों का इलाज किया है। क्लोंरीन की 13778 गोलियां तथा ओआरएस के 4735 पैकेट वितरित किए हैं। प्रशासन ग्रामीणों की मदद के लिए नावें की व्यवस्था की है।
पशुओं के लिए चार शिविर संचालित किए जा रहे जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों के पशुओं के लिए 4 शिविर शुरू किया है। पशुओं के इलाज को पशु चिकित्सकों की टीम लगाई गई है। पशु चिकित्सकों ने अब तक 428104 पशुओं का टीकाकरण किया है। प्रशासन द्वारा 23 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। 100 कुंतल भूसा आरक्षित रखा गया है।
10 विभागों के दो-दो कर्मी किए जा रहे तैनात इंट्रीग्रेटेड इमरजेंसी फ्लड आपरेशन सेंटर में सभी 10 विभागों के दो-दो कर्मचारी हर शिफ्ट में तैनात किए जा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने कहा है कि कर्मचारियों की तैनाती के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि ड्यूटी पर वही कर्मचारी भेजे जाएं जो अनुभवी और जिम्मेदार हों।
कंट्रोल रूप 24 घंटे के लिए सक्रिय अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण प्रभारी राजेश सिंह ने बताया है कि इंट्रीग्रेटेड इमरजेंसी फ्लड आपरेशन सेंटर 24 घंटे सक्रिय है। उन्होंने बताया कि यहां स्थापित इंट्रीग्रेटेड इमरजेंसी फ्लड आपरेशन सेंटर पर 0551-2201796, 2204196 और मोबाइल नम्बर 9555786115 जारी किया गया है