हर उम्र की कंजक का है खास महत्व
– 2 वर्ष की बच्ची का पूजन: नवरात्र में सभी तिथियों को एक-एक और अष्टमी या नवमी को नौ कन्याओं की पूजा होती है. दो वर्ष की कन्या के पूजन से दुख और दरिद्रता मां दूर करती हैं.
– 3 साल की बच्चियों को त्रिमूर्ति का रूप माना जाता है. तीन साल की बच्चियों की पूजा से मां धन-धान्‍य का आर्शीवाद देती हैं. परिवार में सुख-समृद्धि आती है.
– 4 साल की कंजक की पूजा से परिवार का कल्याण होता है.
– 5 साल की कन्या को रोहिणी कहते हैं. रोहिणी को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है.

– 6 साल की कन्या को कालिका रूप कहा गया है. इस रूप में मां विद्या, विजय, राजयोग का आर्शीवाद देती हैं.
– 7 साल की कन्या का रूप चंडिका का है. चंडिका रूप का पूजन करने से ऐश्वर्य प्राप्त होती है.
– 8 साल की कन्या शाम्‍भवी कहलाती है. इसका पूजन करने से वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है.
– 9 साल की कन्या दुर्गा कहलाती है. इसका पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है.
– 10 वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है. सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूर्ण करती है.