अनिल कुंबले के टीम इंडिया का हेड कोच बने रहने के खिलाफ विराट कोहली के साथ-साथ पूरी टीम एक जुट थी। टीम के सदस्यों को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं थी कि कौन सा खिलाड़ी टीम इंडिया का कोच बनने के लिए आवेदन कर रहा है। विराट सहित सभी खिलाड़ियों ने यह बात स्पष्ट कर दी थी कि वो कोच का चुनाव करने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति यानी सीएसी के काम में किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं करेगी। लेकिन अंततः कई तरह की उठा -पटक के बाद रवि शास्त्री के रूप में टीम इंडिया के नए कोच के नाम की घोषणा हो गई। IndVsNZ : भारत की खराब शुरुआत, 31 रन पर गंवाए 2 विकेट…
अब यब बात सामने आई है कि कोच बनने की दौड़ में एक समय शास्त्री से आगे निकल चुके सहवाग कैसे पिछड़ गए। उन्हें विराट कोहली का भी पूरा विश्वास हासिल था। सहवाग का सीएसी का सामने प्रजेंन्टेशन रवि शास्त्री और टॉम मूडी के बाद तीसरे नंबर पर था।
सहवाग से बीसीसीआई के अधिकारी द्वारा संपर्क किए जाने के बाद सहवाग के कोच पद के लिए आवेदन किया और इस बारे में गहराई से जानने के लिए कोहली से संपर्क किया। जब सहवाग ने कोहली से बात की तो कोहली ने उनसे कहा, वीरू पाजी, आपका भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा योगदान किया है। मुझे आपके पद पर आवेदन करने पर कोई आपत्ति नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो भारतीय क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम कर सकता है उसे आवेदन करना चाहिए।
सहवाह अपने साथ किंग्स इलेवन पंजाब में उनके साथ काम करने वाले सपोर्ट स्टाफ को साथ लाना चाहते थे। जिसमें फीजियोथैरपिस्ट अमित त्यागी और असिस्टेंट कोच मिथुन मनहास प्रमुख थे। इस पर कोहली ने सहवाग से कहा, मेरे मन में आपके लिए बहुत सम्मान है लेकिन आपको यह समझना होगा कि एक प्रोफेशनल सेटअप में ऐसा संभव नहीं है आप अपने साथ सपोर्ट स्टाफ नहीं ला सकते। बाकी सीएसी के हाथ में है अंतिम निर्णय उन्हें ही लेना है। टीम के साथ एक अच्छा सपोर्ट स्टाफ है और वह लंबे समय से टीम के साथ काम कर रहा है। ये ऐसे लोग हैं जो एक-एक खिलाड़ी की शारीरिक जरूरतों को अच्छी तरह समझते हैं और उसी के आधार पर काम करते हैं।
यह गैर प्रोफेशनल रवैया सहवाग पर भारी पड़ गया और शास्त्री को सीएसी ने टीम इंडिया का नया कोच चुन लिया। यदि सहवाग सपोर्ट स्टाफ को साथ लेकर आने की बात न कहते तो शायद उनका दावा और मजबूत होता लेकिन सीएसी ने सबकी सोच से एक कदम आगे बढ़ते हुए राहुल द्रविड़ और जहीर खान को बल्लेबाजी और गेंदबाजी कोचिंग की जिम्मेदारी सौंप दी और सहवाग के अरमानों पर पूरी तरह पानी फेर दिया।