राहुल गांधी को टीवी इंटरव्यू के लिए भेजा नोटिस चुनाव आयोग ने वापस लिया
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 हुई थी जिसके अनुसार भाजपा की राशि वृ्श्चिक है और अप्रैल 2012 से सूर्य की महादशा चल रही है जो अप्रैल 2018 में जाकर समाप्त होगी। सूर्य के दशम भाव में बैठने के कारण ही भारतीय जनता पार्टी की कई प्रदेशों में सरकार बनाने में कामयाब हो सकी है। अगर शनि की बात करें तो यह दूसरे स्थान में गोचर कर रहे हैं जिसके कारण कठिनाई बन रही है जिसका नतीजा गुजरात में दलित एवं पाटीदारों का विरोध के रूप में देखा जा सकता है। भाजपा की राशि पर शनि की साढ़ेसाती अपने अंतिम दौर है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली भी वृश्चिक राशि की है जिससे नतीजे भाजपा के पक्ष में जा सकता है।
वहीं 2 जनवरी 1978 को कांग्रेस की स्थापना के चलते इस पार्टी की कुंडली मीन लग्न की है और राशि कन्या है जिस पर फिलहाल शनि की ढ़ैय्या की शुरुआत हुई है। शनि वर्तमान में चौथे घर में विराजमान हैं जिनके साथ राशि स्वामी बुध भी वक्री होकर गोचर कर रहे हैं। माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनता हुआ तो नज़र आ सकता है लेकिन लक्ष्य को पाना कांग्रेस के लिये भी आसान नहीं है।
अगर पीएम नरेंद्र मोदी की कुंडली पर नजर डाले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न व वृश्चिक राशि की है। वर्तमान में इन पर चंद्रमा की महादशा है जो कि भाग्य की दशा भी है। इस समय इनकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का भी अंतिम चरण चल रहा है जो कि 2019 तक रहने के आसार हैं। हालांकि ज्योतिषशास्त्रियों का यह भी मानना है कि जाते-जाते शनि लाभ अवश्य देकर जाते हैं।
अगर बात राहुल गांधी की कुंडली की करें तो तुला लग्न व धनु राशि की बनती है। वर्तमान में राहुल गांधी पर मंगल की महादशा चल रही है जिसके कारण से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर इनकी ताजपोशी का कारण भी यही महादशा हो सकता है। इनकी राशि पर वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है जो इनकी मुश्किलों के बढ़ने की ओर इशारा करता है। नीच शनि के प्रभाव से ही कहीं न कहीं इन्हें राजनैतिक शख्सियत के तौर पर वह महत्व नहीं मिल पा रहा जो कि इन्हें मिलना चाहिये था। कुल मिलाकर भाजपा व कांग्रेस, नरेंद्र मोदी व राहुल गाधी की कुंडलियों का आकलन व मतदान के दिन चंद्रमा की स्थिति से गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 बहुत ही कांटे की टक्कर का रहने वाला है।