कल बीती रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक फैसले ने पूरे देश भर में खलबली सी मचा दी . गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी द्वारा लिया गया ये फैसला इतनी गुप्तनीय था कि इसके बारे में शायद उनके मंत्रियों की भी नहीं पता था . पर जैसे ही अचानक मोदी जी ने 500 और 1000 रूपये के नोटों को बंद करने का फरमान ज़ारी किया तो अमीरों के तो मानो तोते ही उड़ गए . अब मोदी जी का ये फैसला कितना सही है और कितना गलत ये तो नहीं कहा जा सकता . पर इस निर्णय के बाद काला धन रखने वालों की तो धड़कने मानो थम सी गयी है क्योंकि 30 दिसम्बर 2016 के बाद उन्होंने जो काला धन इकठ्ठा किया है उसकी कोई कीमत नहीं रह जाएगी . अपना काला धन नकदी नोटों के रूप में रखने वालों के तो अब बुरे दिन शुरू हो चुके है . वैसे हम आपको बता दे कि इस निर्णय का सबसे ज्यादा असर किस पर होगा .
…तो इन वजहों से बेकाबू हो जाती हैं लड़कियां
मोदी के फैसले से पाकिस्तान को होगा सबसे ज्यादा नुकसान .. अब अगर काले धन के इलावा हम जाली नोटों की बात करे तो इस फैसले से देश भर में चल रहे सभी जाली नोट एक ही झटके में बेकार हो गए हैं . इसका सबसे बड़ा नुकसान पाकिस्तान को ही हुआ है . वो इसलिए क्योंकि एक अनुमान के अनुसार ये साफ़ हो चुका है कि पाकिस्तान की सात से आठ प्रतिशत अर्थ व्यवस्था भारत में जाली करांसी के कारोबार से ही चल रही थी . मतलब मोदी जी के इस फैसले से पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था बहुत बड़े पैमाने पर ठप हो चुकी है . केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि नेपाल को भी कुछ नुक़सान तो ज़रूर होगा . साथ ही इससे चुनावों में होने वाले काले धन की फंडिंग को भी तगड़ा झटका लगा है और पंजाब और यूपी के विधानसभा चुनावों पर इसका असर जरूर पड़ेगा . इससे एक अच्छी बात ये हुई कि अब आतंकवादियों का नेट्वर्क ध्वस्त यानि नष्ट करने में बड़ी मदद मिलेगी क्योंकि ये लोग जाली धन और नक़ली नोटों के कारोबार पर बहुत ज्यादा निर्भर करते थे . इससे हवाला कारोबारियों के नेट्वर्क पर भी बहुत ही बड़ा असर पड़ेगा और देश में दो नम्बर के कारोबार को गहरा धक्का पहुँचेगा .
टैक्स में भी हो सकती है बढ़ोतरी .. हालांकि इसके बाद भारत में टैक्स का रेवेन्यू क़रीब तीन गुना तक बढ़ जाने के अनुमान भी लगाए जा रहे हैं . साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अगर मोदी सरकार का ये निर्णय पूरी तरह सफल हो गया तो देश में दस से पंद्रह साल तक सरकार द्वारा लिए जाने वाले टैक्स में भारी कमी भी आ सकती है . फ़िलहाल अभी ये कहना मुश्किल है कि टैक्स का पलड़ा कहाँ जाकर रुकेगा .
बिपाशा ने अंडे खरीदने के लिए उधार मांगे पैसे
कालेधन वालो का डब्बा गुल.. यदि आंकड़ों की माने तो मार्च 2016 तक 16.5 लाख करोड़ का काला धन देश भर से बरामद हुआ था . इस रकम का ज्यादातर हिस्सा करेंसी नोटों के तौर पर नक़द रूप में जमा करके रखा गया था . जो भृष्टाचार और कैश ट्रांजैक्शन’ के जरिये जमा किया गया काला धन था . इसलिए मोदी जी इस निर्णय के बाद अब ये सब काले काम पूरी तरह से बंद हो जायेगे . वैसे गौर फरमाईये कि सरकार के इस ताजा तरीन फैसले के बाद केवल वो लोग ही 30 दिसंबर 2016 तक बैंकों में बड़े नोट जमा करने की हिम्मत करेगे जिनके पास क़ानूनी तरीक़े से कमाया हुआ धन होगा . पर जिन लोगों ने रिश्वत से या किसी भी दूसरे गलत तरीके से पैसे कमाए होंगे, उनकी तो हालत ही बुरी हो जाएगी क्योंकि इस तारीख के बाद ये नोट रद्दी के भाव ही बिकेंगे । अब न तो वो इन नोटों को जमा करवा पाएंगे और न ही इस्तेमाल कर पाएंगे . यही है मोदी जी का भृष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा फैसला जिसे कोई नहीं झुक्ला सकता .
500-1000 के नोट बंद होने पर , भिखारियों ने मांगी Z प्लस सिक्यूरिटी
काले धन वाले ऐसे कर सकते है अपने धन का इस्तेमाल ..इस का असर उन लोगों पर सबसे ज्यादा होगा जिनके पास बेहिसाब काला धन है . उन लोगों की पहली कोशिश तो ये होगी कि इन पैसों से सोना खरीद जाये. इसलिए डेडलाइन खत्म होने तक सोना और निवेश के ऐसे साधनों की मांग भी अब बढ़ जाएगी . मतलब सोना बेचने वालों के अब अच्छे दिन आने वाले है . इसे कहते है एक ही बार में बुराई का काम तमाम करना . वैसे हमें लगता है कि सरकार के फैसले से प्रॉपर्टी की कीमतें भी ज्यादा गिरेगी . साथ ही कुछ समय के लिए अर्थ व्यवस्था पर भी इसका बेहद बुरा असर होगा और मंदी छा जाएगी क्योंकि देश में अधिकतर प्रॉपर्टी , कैश के जरिये ही खरीदी जाती है . जो ब्लैक मनी की बड़ी खेप के जरिये ही आती है . एक अनुमान के मुताबिक प्रॉपर्टी से जुड़े हर कारोबार का करीब चालीस प्रतिशत हिस्सा ब्लैक मनी और बेनामी ट्रांजैक्शन पर ही आधारित है . अगर हम इसका एक निष्पक्ष निकाले तो छोटे नोटों की कीमत अब बढ़ने वाली है और ईमानदारी का मीठा फल अब मिलने वाला है .