ठंड का मौसम बस शुरू ही होने वाला है ऐसे में खांसी सर्दी-ज़ुकाम और गले की खराश से सभी परेशान रहते हैं। इन दिक्कतों से आराम पाने के लिए आपको मुलेठी का उपयोग करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आप बेहतर महसूस करेंगे।
पिछले एक दशक में आधुनिक चिकित्सा तेज़ी से आगे बढ़ी है। इसके बावजूद प्राचीन भारतीय इलाज या आयुर्वेद का उपयोग आज भी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने से लेकर कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। पारंपरिक जड़ी बूटी मुलेठी एक ऐसी जादुई औषधि है, जो कई तरह से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
खासतौर पर सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ फ्लू के लक्षण, जैसे सर्दी-ज़ुकाम, खांसी, गले में खराश परेशान करने लगते हैं। ऐसे में आप दवाइयों के साथ मुलेठी का उपयोग कर सकते हैं, जिससे आपको काफी हद तक आराम मिल सकता है।
मुलेठी क्या है?
मुलेठी को मीठी लकड़ी भी कहा जाता है, जिसे एक औषधीय जड़ी बूटी माना गया है। यह सुगंधित होती है और इसका उपयोग चाय और पेय पदार्थों में स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेद में काफी किया जाता है और माना जाता है कि इससे श्वसन और पाचन से जुड़ी दिक्कतों का इलाज किया जा सकता है। इस प्रथा को यष्टिमधु भी कहा जाता है।
मुलेठी के फायदे
मुलेठी में एंटी-वायरल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र के म्यूकोसल स्वास्थ्य को बनाए रखता है, कब्ज़ से राहत देता है, गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर को रोकता है। इसके अलावा, मुलेठी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने, बीमारियों और इन्फेक्शन को दूर रखने का काम करती है। यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होती है, जो हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे होते हैं। मुलेठी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करते हैं और धमनियों में प्लाक के निर्माण से बचाते हैं। जिससे दिल की बीमारियों का ख़तरा कम होता है।
आयुर्वेद के मुताबिक, मुलेठी PCOD से पीड़ित महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी कम करती है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
सर्दी या गला खराब होने पर मुलेठी
मुलेठी शरीर की कई तकलीफों को दूर करने के साथ सर्दी, खांसी और गले की खराश में भी मदद करती है। यहां तक कि मुलेठी गले की खराश और दूसरी श्वसन संबंधी लक्षणों से जल्द राहत दिलाने का काम करती है।
सर्दी-ज़ुकान, गले की खराश के लिए ऐसे करें मुलेठी का उपयोग
मुलेठी से बनाएं काढ़ा
आप मुलेठी की कुछ लकड़ियों को पानी में उबाल सकते हैं। जब यह उबल जाए, तो इसे धीरे-धीरे पिएं, जिससे गले की खराश में आराम मिलेगा। इसके अलावा आप चाहें तो गर्म पानी में मुलेठी पाउडर को मिलाएं और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसे पी लें। या फिर पानी में मुलेठी का एक टुकड़े, तुलसी और पुदीने की कुछ पत्तियों को डालें और 10 मिनट के लिए हल्की आंच पर उबलने दें। इसके बाद इसे छानें और पी लें।
मुलेठी को बस चबाएं
मुलेठी को सिर्फ धीरे-धीरे चबाने भर से भी गले की खराश और कर्कश आवाज़ में आराम मिलता है।