जानिए शनिदेव को तेल चढ़ाने के पीछे का ये बड़ा राज़, होते है ये फायदे…

सूर्य पुत्र शनिदेव को कर्म फल दाता भी कहा जाता है | हमारे पुराणों में शनि को ग्रह कहा गया है, और समस्त ग्रहों में शनिदेव को कर्मों का फल देने वाला ग्रह माना गया है |
जानिए शनिदेव को तेल चढ़ाने के पीछे का ये बड़ा राज़, होते है ये फायदे...
हम सब अकसर देखते है कि.. शनिवार के दिन कर्म फल दाता शनिदेव पर तेल चढ़ाया जाता है, और सरसों के तेल का ही दीपक भी जलाया जाता है | क्या इसके पीछे कि वजह आप जानते है ? नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं… 
सूर्य पुत्र शनिदेव को तेल चढ़ाने की कई पौराणिक कथाए प्रचलित है | लेकिन एक पौराणिक कथा का जिक्र हमारे पुराणों में भी है | और ये कथा काफी प्रचलित भी है | 
ऐसा माना जाता है कि रामायण काल में रावण अपने अहंकार में चूर था, और उसने अपने बल और पराक्रम से सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था | शनिदेव को भी रावण ने अपने बंदीग्रह में बंदी बनाकर उलटा लटका दिया था | उसी समय हनुमानजी प्रभु राम के दूत बनकर माता सीता को खोजने लंका गए हुए थे | वहाँ हनुमानजी ने रावण की अशोक वाटिका को उजाड़ दिया था | तब क्रोध में आकर रावण ने हनुमाजी की पूंछ में आग लगवा दी थी |
पूंछ में आग लगने से क्रोधित होकर हनुमानजी ने पूरी लंका जला दी थी | लंका जलने के कारण  सारे ग्रह आजाद हो गए थे |लेकिन उल्‍टा लटका होने के कारण शनिदेव के शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी, और शनिदेव दर्द से कराह रहे थे | तब शनिदेव के दर्द को शांत करने के लिए हुनमानजी ने उनके शरीर पर सरसो के तेल से मालिश की थी | और शनिदेव को दर्द और पीड़ा से मुक्‍त किया था | उसी समय शनिदेव ने कहा था कि. जो भी व्‍यक्ति श्रद्धा भक्ति से मुझ पर तेल चढ़ाएगा उसे सारी समस्‍याओं से मुक्ति मिलेगी | तभी से सूर्य पुत्र शनिदेव पर तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई थी | जो आज तक चली आ रही है |
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com