राहुल ने कहा कि वह भी अपने संबंधों के बारे में उसे सब कुछ बताएगा। रेणु ने राहुल को अपना सारा अतीत बता दिया। उसने कहा, ”हां, मैं शकील से प्रेम करती थी। उसके लिए दिल्ली आ गई और दो सालों तक साथ रही. हम दोनों साथ में बहुत खुश रहते थे। हम शादी करना चाहते थे। शकील के लिए मैंने घर वालों से बात की पर यह हमारे लिए महंगा पड़ा। मेरे पिता मुझे जबरन मुगलसराय लेकर आ गए। मैं पिछले दो साल से घर में कैद हूँ”। इतना कहकर रेणु फोन पर ही रोने लगी। राहुल ने उसी वक़्त फोन काट दिया। उसने मैचमेकिंग साइट पर जाकर रिक्वेस्ट कैंसल किया और रेणु को हर जगह से ब्लॉक कर दिया। आख़िरी बार रेणु ने राहुल को किसी और नंबर से 13 दिसंबर को मैसेज किया, ”मुझे लगा था कि तुम और लड़कों से अलग हो, लेकिन तुम भी वैसे ही निकले।
विशाखापट्टनम की डॉ. रंजू की कहानी इससे बिल्कुल उलट है। रंजू को उनके पापा ने ही ज्ञानेंद्र का नंबर दिया था। रंजू ने दूसरी बातचीत में ही ज्ञानेंद्र से पूछ लिया कि क्या तुमने कभी किसी से सेक्स किया है? ज्ञानेंद्र ने कहा पहले तुम बताओ। रंजू ने कहा, ”हां, मैंने किया है। मेरा बॉयफ्रेंड था। एक साल तक साथ रही, लेकिन अब ब्रेकअप हो गया।”रंजू ने पूछा अब तुम तो बताओ। ज्ञानेंद्र का जवाब था- नहीं। उसने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ ही सेक्स करेगा। रंजू ने कहा तब तुम्हारी मेरे साथ नहीं बनेगी। कोई और लड़की देख लो। यह दोनों के बीच आख़िरी बातचीत थी।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के सरोजनी नायडू सेंटर फ़ॉर वुमन स्टडीज में असोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. फिरदौस अजमत सिद्दकी के लिए ये दोनों ही कहानियां हैरान करने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा, ”लड़कों में वर्जिनिटी की ख़्वाहिश खत्म नहीं हुई है। जबकि इस मामले में लड़कियों का बेबाक होना उनकी मुखरता को दर्शाता है। लड़के जब किसी लड़की से उसके प्रेम संबध के बारे में पूछते हैं तो उनके लिए यह ‘अनैतिक’ सच जानने की तरह होता है वहीं जबकि लड़कियां इस मामले में ज़्यादा ईमानदार होती हैं।”
प्रोफ़ेसर डॉ. फिरदौस अजमत सिद्दकी कहते हैं कि,’लड़कियों को लगता है कि उनके संबंधों के बारे में कोई किसी और से पूछे, इससे बढ़िया है कि वह ख़ुद ही साफ-साफ लड़के को उसके बारे में बता दें। जो लड़कियां आत्मनिर्भर होती हैं उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ऐसा कहने से उनका इस लड़के से रिश्ता खत्म हो जाएगा।
वो बराबरी का व्यवहार चाहती हैं और यह हमारे समाज के लिए अच्छा भी है। ‘दिल्ली में जीवनसाथी डॉट कॉम की ईशा ने कहा कि मैट्रिमोनियल साइट पर ज़्यादातर अकाउंट अभिभावक हैंडल करते हैं, लेकिन उन्हें जो लड़का पंसद आता है उसका नंबर वे अपनी बेटी को दे देते हैं। ईशा ने कहा,’बात केवल रेणु और रंजू की नहीं है बल्कि बहुत सारी लड़कियां रिलेशनशिप को छुपाना नहीं चाहती हैं। वे अपने बारे में भी खुलकर बताती हैं और लड़कों के बारे में भी सब कुछ जानना चाहती हैं। हालांकि कई बार सच बोलना उल्टा भी साबित होता है। लेकिन यह ज़्यादा ठीक है कि शादी से पहले ही सारी चीज़ें स्पष्ट हो जाती हैं।