गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरः,
गुरुर साक्षात परम ब्रह्म , तस्मै श्री गुरुवे नमः
यानी गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं. गुरु का स्थान संसार में सर्वोच्च है. गुरू को नमन.RJD लालू परिवार के खिलाफ छापेमारी पर क्या है CM नीतीश की चुप्पी का राज?
गुरु का स्थान जीवन में कोई नहीं ले सकता. गुरु जीवन को दिशा देते हैं, जिससे भविष्य की दशा सुनिश्चित होती है. इसलिए यदि आप गुरु को सम्मान देते हैं तो जीवन में सफलता तय है.
आज देशभर में मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा का पर्व
1. व्रत करें…
गुरु पूर्णिमा, अध्यात्म, संत-महागुरु और शिक्षकों के लिए एक त्योहार है. यह पारंपरिक रूप से गुरुओं को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का भी जन्म हुआ था. उनके ज्ञान के आधार पर ही सनातन धर्म की स्थापना हुई. महर्षि वेदव्यास के जन्म तिथि पर सदियों से गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है. इसलिए सनातन धर्मावलंबियों में पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान व दान की परंपरा अतिफलदायी मानी जाती है. इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुखद फल की प्राप्ति होती है.
गुरु पूर्णिमा पर भक्तों की झोली भरते साईं बाबा
गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन से मन की इच्छा पूर्ण होती है और सौ वाजस्नीय यज्ञ के समान फल मिलता है.
2. बन रहा है विशेष योग, गुरु को करें याद
गुरु पूर्णिमा के दिन महापद्म और सूर्य केशव योग बन रहा है, जो दुर्लभ है. इस योग के चलते नेताओं, छात्रों और कारोबारियों को लाभ मिल सकता है. इसलिए गुरु को याद करें और उनका नमन करें.
3. खीर दान करें, मिलेगी शांति
गुरु पूर्णिमा के दिन खीर दान करने से मानसिक शांति मिलेगी. हां लेकिन ध्यान रहे कि खीर रात में बनाकर बांटें.
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4. बरगद की पूजा से होगा कल्याण
शास्त्रों में इस दिन बरगद की पूजा उल्लेख है. दरअसल इसके पीछे भी एक कहानी है. बरगद को आज के ही दिन याज्ञवल्य ऋषि ने जीवनदान का वरदान दिया था. इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन बरगद की पूजा को शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बरगद की पूजा करने वाला व्यक्ति दीर्घायु हो जाता है.