वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि साल 2014 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकानिसंस ऑर्बिटर (LRO) से लगा कैमरा उल्का पिंड टकराया था, हालांकि इससे उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ. चंद्रमा के सतह की स्पष्ट और खूबसूरत तस्वीरें खींचने वाला लूनर रिकानिसंस ऑर्बिटर कैमरे ने 13 अक्टूबर, 2014 को एक तस्वीर भेजी थी, जो बिल्कुल अलग थी.
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नासा ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि तस्वीर को देखकर एलआरओसी की टीम ने यह निर्धारित किया कि कैमरे से कोई छोटा उल्का पिंड टकराया था.
मेरिलैंड स्थित ग्रीनबेल्ट में नासा के गदार्द स्पेस फ्लाइट सेंटर में एलआरओ परियोजना वैज्ञानिक जॉन केलर ने कहा, ‘उल्का पिंड के टकराने से उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन दल इस घटना को एक आकर्षक उदाहरण के तौर पर पेश कर रहा है कि किस प्रकार इंजीनियरिंग के आंकड़ों का इस्तेमाल इस बात को समझने के लिए किया जा सकता है कि पृथ्वी से 380,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंतरिक्षयान के साथ क्या हो रहा है.’
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड स्पेस एक्सप्लोरेशन में एलआरओसी के प्रोफेसर और मुख्य जांचकर्ता मार्क रॉबिन्सन ने कहा, ‘उल्कापिंड की गति गोली से भी तेज थी’. एलआरओसी तीन कैमरों का एक तंत्र है, जो अंतरिक्ष यान पर लगा है. दो नैरो एंगल कैमरे (एनएसी) हाई रिज्योल्यूशन की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें खिंचते हैं.