हार्दिक को चोट लगने पर लगा था कि भारत को आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही टीम सिलेक्शन को लेकर एक बार फिर परेशानी खड़ी हो जाएगी। हालांकि, यह भारतीय टीम के लिए आपदा में अवसर साबित हुआ।
भारतीय टीम शानदार फॉर्म में है। उसने अभी तक अपने छह के छह मुकाबले जीते हैं। टीम अंक तालिका में भी शीर्ष पर है। भारतीय टीम को अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ भी बल्लेबाजी में थोड़ी बहुत चुनौती मिली। वरना बाकी के मुकाबले भारत ने काफी आसानी से जीते हैं। भारत ने अपने पहले मैच में चेन्नई की स्पिन ट्रैक पर अश्विन को मौका दिया था। उसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ हर मैच तक टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा पेसर शार्दुल ठाकुर के साथ उतरी।
आपदा में अवसर लेकर आया हार्दिक पांड्या का चोटिल होना
इस प्लेइंग कॉम्बिनेशन में पांच बल्लेबाज, दो ऑलराउंडर, तीन तेज गेंदबाज और एक स्पिनर खेल रहे थे। हार्दिक पांड्या पेस बॉलिंग ऑलराउंडर और रवींद्र जडेजा स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर टीम में थे। हालांकि, बांग्लादेश के खिलाफ मैच में हार्दिक के टखने में चोट लगी और टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा। इस कॉम्बिनेशन के साथ भी भारत जीत रहा था, लेकिन शार्दुल की गेंदबाजी कुछ खास नहीं रही थी।
न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से गेंदबाजी हुई मजबूत
अब कम्प्लीट दिख रही है टीम इंडिया
श्रेयस या सूर्या की जगह खेल सकते हैं हार्दिक
2003 में भी बनी थी ऐसी स्थिति, फाइनल में भुगतना पड़ा था
2003 विश्व कप में जब टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी तो उससे पहले तक तीन खिलाड़ियों को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। वे खिलाड़ी थे- अजीत अगरकर, पार्थिव पटेल और संजय बांगर। वहीं, दिग्गज अनिल कुंबले को भी सिर्फ तीन मैचों में मौका मिला था। वह हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ लीग स्टेज का मुकाबला खेले थे। कप्तान सौरव गांगुली ने दिनेश मोंगिया को बतौर ऑलराउंडर हर मैच में मौका दिया था। फाइनल में भी मोंगिया को कुंबले पर तरजीह दी गई थी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला खेले थे।
रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन ने मोंगिया पर खूब रन बटोरे थे। मोंगिया ने सात ओवर में 39 रन खर्च किए थे और कोई विकेट नहीं लिया था। भारत ने उस मैच में कुंबले को बहुत बुरी तरह से मिस किया था। उस मैच का हिस्सा भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ भी थे। भारतीय टीम अब ऐसी गलती नहीं करना चाहेगी। हार्दिक अगर वापस आते हैं तो शार्दुल को लाने की बजाय रोहित और द्रविड़ शमी को ही मौका देने पर विचार कर सकते हैं।