जाने कैसे 2012 के बाद लगा महंगाई का सबसे बड़ा झटका,थोक महंगाई दरों में हुई बढ़ोतरी

फिलहाल महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही। मंगलवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में थोक महंगाई दर (WPI Inflation) सालाना आधार पर 15.88 प्रतिशत रही। साल 2012 के बाद पहली बार थोक महंगाई इस उच्‍च स्‍तर पर पहुंची है। आपको बता दें कि अप्रैल में थोक महंगाई दर (WPI Inflation) 15.08 प्रतिशत के स्‍तर पर पहुंच गई जो मार्च में 14.55 प्रतिशत थी।

मिनेरल ऑयल्‍स, क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, खाद्य वस्‍तुएं, बेसिक मेटल, गैर-खाद्य वस्‍तुएं, रसायन और रासायनिक उत्‍पादों की कीमतों में उछाल से मई में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी देखी गई। मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर अप्रैल के 8.88 प्रतिशत से बढ़कर 10.89 प्रतिशत पर पहुंच गई। सब्जियों की महंगाई दर जहां अप्रैल में 23.24 प्रतिशत थी, वह मई में बढ़कर 56.36 प्रतिशत हो गई।

मैन्‍यूफैक्‍चर्ड आइटम्‍स की महंगाई दर में कुछ कमी दर्ज की गई। अप्रैल में यह जहां 10.85 प्रतिशत थी वह मई में घटकर 10.11 प्रतिशत पर आ गई। ईंधन और पावर की बात करें तो इसकी कीमतों में मई के दौरान 40.62 प्रतिशत का उछाल देखा गया।

खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) मई में थोड़ी कम हुई। CPI Inflation अप्रैल में 8 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच गई थी जो मई में घटकर 7.04 प्रतिशत के स्‍तर पर आ गई। खुदरा महंगाई दर पर काबू पाने में पेट्रोल और डीजल की एक्‍साइज ड्यूटी में कटौती एवं अन्‍य वस्‍तुओं की ड्यूटी घटाए जाने की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही।

पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी, जो बढ़कर 4.90 प्रतिशत पर पहुंच गया है। FY23 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान रिजर्व बैंक ने 7.2 प्रतिशत किया है। वहीं, महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। मौद्रिक नीति कमेटी का मानना है कि FY23 की पहली तीन तिमाहियों में महंगाई दर 6 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।

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