हर साल मनाया जाने वाला गणपति जी का त्यौहार गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही ख़ास माना जाता है और यह पर्व हर साल 10 दिनों तक के लिए मनाया जाता है. ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे गणपति का जन्म भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी के दिन हुआ था. वैसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं गणेशजी के पूरे परिवार के बारे में. जी हाँ, आज हम आपको बताएंगे उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्रियों के बारे में. आइए जानते हैं.
1.गणेशजी की पत्नियां : आप जानते ही होंगे गणेशजी की दो पत्नियां हैं जिनके नाम ऋद्धि और सिद्धि है. दोनों ही प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं.
2. गणेशजी के पुत्र : आपको बता दें कि सिद्धि से ‘क्षेम’ और ऋद्धि से ‘लाभ’ नाम के गणेश जी को 2 पुत्र हुए हैं. वहीं अगर लोक-परंपरा को माने तो इन्ही दोनों को ‘शुभ-लाभ’ कहते है.
3. गणेशजी की बहुएं : इसी के साथ शास्त्रों को माना जाए तो उनकी बहुओं का नाम तुष्टि और पुष्टि है. इसके अलावा गणेशजी के दो पोते हैं जिनके नाम आमोद और प्रमोद हैं.
4. गणेशजी की पुत्री : ऐसा कहा जाता है गणेशजी की एक पुत्री भी है जिसका नाम संतोषी है. जी दरअसल इसके पीछे एक कथा है. इस कथा के अनुसार भगवान गणेशजी अपनी बुआ से रक्षासूत्र बंधवा रहे थे और उसी के बाद गिफ्ट का लेन-देन देखने के बाद गणेशजी के पुत्रों ने इस रस्म के बारे में पूछा. यह सवाल सुनकर गणेशजी ने कहा कि यह धागा नहीं, एक सुरक्षा कवच है. उन्होंने कहा यह रक्षासूत्र आशीर्वाद और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस बात को सुनने के बाद शुभ और लाभ ने कहा कि ऐसा है तो हमें भी एक बहन चाहिए. इस बात को सुनकर भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न की और उनकी दोनों पत्नियों की आत्मशक्ति के साथ उसे सम्मिलित कर लिया. कहते हैं इस ज्योति ने कन्या का रूप धारण कर लिया और गणेशजी की पुत्री का जन्म हुआ जिसका नाम संतोषी रखा गया.