फिलीपींस और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर भी विवाद चल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी वजह से फिलीपींस ने चीन की परियोजना से अलग होने का फैसला किया है।
चीन पूरी दुनिया में अपना आर्थिक प्रभाव जमाने की कोशिशों में जुटा है और इस लक्ष्य को पाने के लिए उसने एक खरब डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव परियोजना (बीआरआई) की शुरुआत की थी, जिसमें कई देशों में चीन विकास परियोजनाओं का निर्माण करने वाला है। हालांकि अब चीन की यह महत्वकांक्षी परियोजना खटाई में पड़ती दिख रही है। दरअसल कई देश इस परियोजना से हटना शुरू हो गए हैं। बीते दिनों इटली ने बीआरआई से बाहर होने का एलान किया था। अब खबर आई है कि फिलीपींस ने भी चीन की बीआरआई परियोजना से अलग होने की घोषणा कर दी है।
इटली के बाद फिलीपींस भी बीआरआई से बाहर
गौरतलब है कि हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीजिंग में बेल्ट एंड रोड फोरम का आयोजन किया था, जिसमें 23 देशों के प्रमुख शामिल हुए थे। लेकिन फोरम आयोजित होने के कुछ दिनों के भीतर ही इटली और अब फिलीपींस के बाहर होने से चीन की इस अहम परियोजना को बड़ा धक्का पहुंचा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलीपींस के परिवहन मंत्रालय ने बेल्ट एंड रोड परियोजना से पूरी तरह बाहर होने की घोषणा की है। फिलीपींस और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर भी विवाद चल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी वजह से फिलीपींस ने चीन की परियोजना से अलग होने का फैसला किया है। साथ ही हाल के सालों में बेल्ट एंड रोड परियोजना की गति धीमी हुई है। चीन की आर्थिक ताकत कम हुई है और चीन के बढ़ते कर्ज के जाल से भी कई देश सोचने पर मजबूर हुए हैं।
दक्षिण चीन सागर के विवाद का साया
चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की पेट्रोलिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाया गया था, जिस पर फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्दीनांद मार्कोस जूनियर ने चिंता जाहिर की थी। फिलीपींस में बेल्ट एंड रोड परियोजना के तहत चीन 4.9 अरब डॉलर का निवेश करने का एलान किया था। जिसके तहत मिनदानाओ रेलवे प्रोजेक्ट, चिको रिवर पंप इरीगेशन प्रोजेक्ट, कलीवा डैम प्रोजेक्ट, समल आइलैंड-दावाओ सिटी को जोड़ने वाली परियोजना आदि का निर्माण किया जाना था। बताया जा रहा है कि फिलीपींस अब जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के निवेश को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है।
क्या है बीआरआई परियोजना
बेल्ट एंड रोड परियोजना की परिकल्पना साल 2013 में की गई थी और यह परियोजना चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दिमाग की उपज मानी जाती है। इस परियोजना के तहत चीन, एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच जमीनी, समुद्री कनेक्टिविटी बना रहा है, जिसके लिए दुनिया के विभिन्न देशों में रेल, सड़क और जल मार्ग बनाए जा रहे हैं। बीआरआई को
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2018 में चीन की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव परियोजना अपने चरम पर थी लेकिन अब इसमें 40 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। चीन के बढ़ते कर्ज के जाल से भी कई देश आशंकित हो गए हैं।