पानमा लीक मामले में गर्दन फंसती हुए देख पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ भारत पर हमले का आदेश भी दे सकते हैं। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में सुनवायी कर रही पांच जजों की पीठ के रुख से लग गया है कि फैसला नवाज़ शरीफ के खिलाफ ही आ सकता है। नवाज़ शरीफ ने कालेधन को विदेशों में निवेश करने के आरोप का बचाव करते हुए क़तर के राजकुमार की चिट्ठी कोर्ट में पेश की थी। यह चिट्ठी में क़तर के राजकुमार ने यह कहा है कि लंदन का बंगला खरीदने और बिजनेस के लिए नवाज़ शरीफ को पैसा उन्होंने मुहैया कराया था।
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खुद की जान बचाने के लिए पाकिस्तान कर सकते है युद्ध का एलान
अब यह चिट्ठी ही नवाज़ शरीफ के गले में फांसी का फंदा बन गयी। पांच जजों की पीठ ने तत्काल प्रतिक्रिया जताते हुए यह कहा कि यह चिट्ठी संसद में शरीफ द्वारा दिये गए बयान के खिलाफ है जब उन्होंने धनराशि के स्रोत और यह खुलासा नहीं किया था कि उन्हें वह एक कतर की कंपनी से मिली थी। अदालत के फंदे में फंसे नवाज़ शरीफ के सामने अपने बचाव के लिए अब सिर्फ एक ही रास्ता है कि वो कश्मीर का रोना रोकर जंग का ऐलान कर दें। जंग का ऐलान होते ही पूरे पाकिस्तान का रुझान भारत के खिलाफ हो जायेगा और उन्हें आवाम की सहानुभूति भी मिल सकती है।
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जानकारों का यह मानना है कि घरेलू राजनीति के माहिर नवाज़ शरीफ ने सेना प्रमुख रहील शरीफ से गुपचुप समझौता कर लिया है। इसी तरह इमरान खान के लाहौर बंद वापसी के ऐलान को भी नवाज़ शरीफ की कूटनीतिक सफलता ही मानी जा रही है। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट पनामा लीक मामले की सुनवाई 17 नवंबर को करने जा रही है। जानकारों का यह भी मानना है कि अगर कोर्ट का रुख और सख्त हुआ तो नवाज़ शरीफ खुद को बचाने के लिए 48 घंटे बाद कभी भी पाकिस्तान को जंग की आग में झौंक सकते हैं।