जापान में मध्यावधि चुनाव के लिए मतदान शुरू होते ही मौसम ने खलल डाल दी है. हालांकि जापान के लोगों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है. बारिश के बीच लोग मतदान केंद्र पर पहुंच रहे हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते मतदान प्रतिशत कम रहने का अनुमान जताया जा रहा है.
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वहीं, यह मध्यावधि चुनाव जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के लिए अपनी नीतियों और सुधारों की परीक्षा माना जा रहा है. हालांकि इस चुनाव में शिंजो आबे को शानदार जीत मिलती दिख रही है, जबकि टोक्यो के लोकप्रिय गवर्नर की नई पार्टी हारती दिख रही है. इस चुनाव में जीत के साथ ही आबे कई रिकॉर्ड बनाएंगे.
अगर जापान के प्रमुख अखबार मैनिची शिम्बुन के सर्वे की माने तो इस चुनाव में शिंजो आबे की कंजर्वेटिव ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (LDP) के नेतृत्व वाले गठबंधन को भारी बहुमत मिलने के आसार हैं. इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि शिंजो आबे को डायट (जापान की संसद) के निचले सदन की 465 सीटों में से करीब 303 सीटों पर जीत मिल सकती है. इस चुनाव में बहुमत के लिए 233 सीटों पर जीत जरूरी है.
LDP के गठबंधन सहयोगी कोमिटो पार्टी को 30 से ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है, जिससे शक्तिशाली निचले सदन में आबे की सत्तारूढ़ पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिलने की संभावना है. सर्वे में तोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके की नवगठित ‘पार्टी ऑफ होप’ के लिए समर्थन कम होता दिखाई दे रहा है. सर्वेक्षणों में उसे 54 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
जापान के सामने उत्तर कोरिया के खतरे से निपटना, आर्थिक सुधार और जनसांख्यिकी को बेहदतर बनाने जैसी चुनौतियां हैं. पिछले दिनों चले चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर अपना रुख साफ किया. हाल ही में उत्तर कोरिया ने जापान पर हमला करने की धमकी दी थी और दो बार जापान के ऊपर से मिसाइल परीक्षण किया था, जिसके चलते देश में आपातकाल तक लगाना पड़ा था.
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