जापान में रविवार को हुए मध्यावधि चुनाव में प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने शानदार जीत हासिल कर ली है. आबे के एलडीएफ नेतृत्व वाले गठबंधन को संसद के निचले सदन में दो तिहाई बहुमत मिल गया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे को फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी. साथ ही उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने को लेकर बहुत उत्सुक हैं.
उत्तर कोरिया ने विश्व को समाप्त करने के लिए तैयार किया ये बड़ा प्लान
पाीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे को चुनाव में जीत के लिए हार्दिक बधाई. मैं उनके साथ मिलकर भारत-जापान संबंधों को और मजबूत बनाने को उत्सुक हूं.
इससे प्रधानमंत्री शिंजो आबे को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है. साथ ही उत्तर कोरिया पर उनके पहले से कड़े रूख को मजबूत करने में मदद मिल सकती है. ननिजी प्रसारक टीबीएएस के अनुमान के अनुसार शिंजो आबे की कंजर्वेटिव ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (LDP) के नेतृत्व वाले गठबंधन को संसद की 465 सीटों में से 311 सीटें मिल रही हैं. इस चुनाव में बहुमत के लिए 233 सीटों पर जीत जरूरी है.
मूसलाधार बारिश के बाद भी मतदान केंद्र पहुंचे लोग
जापान में सुबह सात बजे (स्थानीय समयानुसार) मतदान केंद्र खुले और रात 8 बजे तक मतदान चला. लोग तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश से जूझते हुए मतदान केन्द्रों में पहुंचे.
कमजोर विपक्ष से फायदा
आबे की लिबरल डेमोक्रेटिकट पार्टी (एलडीपी) को कमजोर विपक्ष का फायदा हुआ है. बता दें कि उनके सामने खड़ी दो प्रमुख पार्टियां कुछ सप्ताह पहले ही बनीं. कुछ हफ्ते पहले तोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके ने ‘पार्टी ऑफ होप’ का गठन किया था. इस पार्टी को 54 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
जापान में चुनाव
जापान में यह 48वां आम चुनाव है. जापानी संसद (डायट) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चार साल पर चुनाव होता है.
उत्तर कोरिया के प्रति कड़ा रुख
चुनाव में इस जीत से उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे से निपटने के आबे के संकल्प को ताकत मिल सकती है. जापान अमेरिका का प्रमुख क्षेत्रीय सहयोगी और एशियाई की प्रभावशाली अर्थव्यवस्था है. पिछले दिनों चले चुनाव अभियान में राजनितिक पार्टियों ने उत्तर कोरिया को लेकर अपना रुख साफ कर दिया था. हाल ही में उत्तर कोरिया ने जापान पर हमला करने की धमकी दी थी और दो बार जापान के ऊपर से मिसाइल परीक्षण किया था, जिसके चलते देश में आपातकाल तक लगाना पड़ा था.
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