लखनऊ। बिजनौर जिले के नजीबाबाद तहसील के जोगीरामपुरा गांव में एक मंदिर के ऊपर लगे लाउडस्पीकर को हटाए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है| विवाद इस हद तक बढ़ गया है कि गांव के हिंदू निवासियों ने गांव छोड़ने की धमकी दी है। कई हिंदुओं ने तो लाउडस्पीकर हटाए जाने के विरोध में घर के बाहर बिक्री का नोटिस भी चिपका दिया है। हर तरह की हिंसा से निपटने के लिए गांव में पुलिस को तैनात किया गया था पर शनिवार को माहौल शांत था।
युवा वाहिनी के सदस्यों ने इस गांव के एक मंदिर पर रामनवमी के अवसर पर शिव मंदिर के ऊपर लाउडस्पीकर फिट किए गए थे। दूसरे समुदाय के लोगों ने इस पर आपत्ति जाहिर की जो टकराव में बदल गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने लाउडस्पीकर्स हटा लिए। लाउडस्पीकर्स के हटाए जाने पर आक्रोश में आए हिंदू परिवारों ने अपने घर के बाहर ‘घर बिक्री के लिए’ का नोटिस लगा दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि 10 साल पहले मंदिर में लाउडस्पाकर्स के सेट लगाए गए थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया। हिंदू युवा वाहिनी (HYV) के नेता एनपी सिंह ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब लाउडस्पीकर लगाए गए। हम इन्हें बस दोबारा लगा रहे थे। इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
गांव के निवासी नरेश सैनी ने कहा कि 4000 निवासियों के गांव में सिर्फ 500 हिंदू हैं। मंदिर 400 साल पुराना है। 2007 में जब से मंदिर से लाउडस्पीकर हटाए गए थे, हमने इन्हें मंदिर के अंदर लगाना शुरू कर दिया था। दूसरे समुदाय के लोग तो अपने प्रार्थनास्थल पर हर रोज लाउडस्पीकर लगाते हैं। सैनी ने कहा कि एसपी और बीएसपी सरकारों के समय हमारी आवाज दबाई गई।
हम लाउडस्पीकर लगाने के लिए बीजेपी के सत्ता में आने का इंतजार कर रहे थे। हमने HYV से लाउडस्पीकर लगवाने का आग्रह किया था। अगर हम बीजेपी सरकार के रहते हुए भी यह नहीं कर सकते तो फिर इस गांव में रहने का मतलब ही क्या है।
वहीं, मंदिर समिति के अध्यक्ष दयाराम सैनी ने कहा, अधिकारियों ने हमें बताया है कि हम त्योहारों के दौरान ही लाउडस्पीकरों का उपयोग कर सकते हैं। हमने मना कर दिया है। हम रोज आरती के समय लाउडस्पीकर लगाएंगे।