
गत 14 दिसंबर को गायत्री प्रजापति की ओर से याचिका दायर करके बताया गया कि चित्रकूट की महिला ने 26 अक्तूबर 2016 को गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि लगभग तीन वर्ष पहले आशीष शुक्ला, बब्लू सिंह व अन्य ने खनन पट्टा दिलाने का आश्वासन देकर उसे लखनऊ बुलाया।
पट्टा देने के एवज में शारीरिक संबंध बनाने को कहा और मना करने पर धमकी दी। पुलिस ने विवेचना के बाद अपहरण के प्रयास की धाराएं जोड़ते हुए गायत्री व अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इस पर सीजेएम ने 8 नवंबर, 2017 को संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।
गायत्री ने इस आदेश को चुनौती दी थी। उसका कहना था कि पीड़िता ने कलमबंद बयान में ऐसी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने की बात कही थी। इसके बावजूद विवेचक ने चार्जशीट दाखिल कर दी और सीजेएम ने कोई सुबूत न होते हुए भी चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया।
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