जिले में बाढ़ से भीषण तबाही मची है। जिला मुख्यालय से ठूठीबारी, फरेंदा, नौतनवां का संपर्क टूट गया है। इसके अलावा इन क्षेत्र में आने वाले तमाम गांवों का संपर्क भी जिला मुुख्यालय से टूट चुका है। प्रशासन की सहायता के भरोसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग दुश्वारियों भरा जीवन जीने को मजबूर है। चंदन, झरही, प्यास, त्रिमुहानी, महाव, रोहीन, राप्ती नदियों में पहाड़ों से आए पानी से खस्ताहाल बंधे दरक गए और तबाही मच गई। निचलौल, नौतनवां, सदर और फरेंदा क्षेत्र के तमाम गांव बाढ प्रभावित हैं। प्रशासन की ओर से जैसे तैसे बाढ बचाव राहत कार्य किया जा रहा है। ठूठीबारी का चंदन नदी का पुल एप्रोच ध्वस्त होने से आवागमन ठप हो चुका है। बाढ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप है। वहीं संचार व्यवस्था भी अब ठप होने लगी है। बिजली के अभाव में लोगों के मोबाइल डिस्चार्ज हो रहे हैं।अभी अभी: ज़ोन नोटिफिकेशन मामले में BJP की हुई बड़ी जीत, विपक्ष ने कहा….
सदर क्षेत्र के त्रिमुहानी के पास चेहरी बंधा टूट गया। जिससे आईटीएम में पूरा पानी भर गया। पुलिस ने महलगंज चौराहे पर बैरिकेडिंग कर दी है। फरेंदा रोड पर आवागमन ठप कर दिया गया है। पुलिस निगरानी में जुटी है। बांध टूटने के कारण कोल्हुआ जजोत, रामनगर, बासपट्टी, चेहरी खास, धोविनियहवां, तीन टोलियां, सेखपुर, लक्ष्मीपुर, करीमपुर, ठढवरियां, कोठी टोला, भइसहियां के अलावा टोले बाढ से घिरे है। प्रशासन की ओर से वोट के जरिए लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मौके पर एसडीमए देवेश गुप्ता, सीओ एसपी सिंह समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। बाढ़ से घिरे लोगो को काफी देर तक बचाव राहत दल की ओर से निकाला गया। कुछ लोग बंधे पर शरण लिए हैं। वहीं तमाम लोग अपने रिश्तेदारों के घर शरण लेने पहुंचे।
पनियरा-गांगी बाजार प्रतिनिधि के अनुसार, रोहिन नदी का जर्जर जर्दी डोमरा बांध को मंगलवार की शाम पनियरा थाना क्षेत्र के बघौना तेन्दुअहिया डोमरा, रानीपुर में आधा दर्जन जगहों पर बांध को तोड़ दिया जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ प्रभावित गांव के लोग बंधा टूटने के बाद से ही गांव छोड़ कर मवेशियों के साथ ऊंचे स्थान पर शरण लिए हैं। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री नहीं मिलने से नाराज लोग शासन व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
बड़हरलाला गांव के दोनों तरफ लगभग 100 मिटर बाढ़ कट जाने से गांव के चारो तरफ पानी से घिर गया है। जिन्हें गांव से निकलना भारी असुविधा हो रही है। एनडीआरएफ की टीम लगभग बाढ़ में फंसे 300 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। बीती रात ग्राम सभा रानीपुर में बांध कटने से अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचा कर सुरक्षित जगह भागने लगे। वहीं चार मकान नदी पानी के वेग में ध्वस्त हो गए। बाढ़ में फंसे कुछ लोगो को अब तक प्रशासन द्वारा निकाला नहीं जा सका। कुछ लोग छत पर नाव के इंतजार में बैठै है। दर्जनों गांव पानी से घिर गए है। मुजुरी से कैंपियरगंज-गोरखपुर मार्ग पानी भर जाने से बंद हो चुका हैं। वहीं बाढ़ से धान, मकई मूंगफली, अरहर केला हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।
निचलौल प्रतिनिधि के अनुसार नेपाल की पहाडियों पर हो रही लगातार बारिस के चलते उफनाई नदी नालों से निचलौल तहसील क्षेत्र में बाढ़ का कहर लोगों पर भारी पड़ रहा है। क्षेत्र के लगभग प्रमुख मार्गों पर आवागमन ठप है। गांव पानी में घिरे हैं, लोग बंधो और ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हैं। जलनिकासी की समस्या से जुझते नगर की स्थिति भी नारकीय हो गई है। इसे लेकर शहर से लेकर गांव तक लोग परेशान है और मदद के नाम पर शासन प्रशासन के हाथ अभी भी बाढ़ पीड़ितों से काफी दूर है।
नारायणी, चंदन, झरही, महाव व छोटी गंडक आदि नदियों के जलस्तर में इसबार जिसतरह का उतार चढाव बना हुआ है उसे लेकर लोग खासे हैरान परेशान है। बाढ़ की मार से सबसे ज्यादा निचलौल ब्लाक में है। यहां दो दर्जन से अधिक गांव मैरुंड होने के कगार पर हैं। सीमावर्ती गांव गेडहवां, कनमिसवां, औरहवां, कलनहीं खुर्द, सोहगी बरवा, शिकारपुर, भोतहा, चंदा, गुलभार, बलुआ टोला, बोदना, मैरी, गडौरा, बकुलडीहा, किशुनपुर, भरवलिया, लक्ष्मीपुर खुर्द, चटियां, नउआबारी, माधवनगर तुर्कहिया, करदह, लालपुर, शितलापुर, बढया मुस्तकील, रामनगर आदि गांव बाढ़ से घिरे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सांसद पंकज चौधरी की पहल पर ब्लाक प्रमुख द्वारा चार नाव की व्यवस्था कराई गई है। उसकी मदद से बुधवार को सैकड़ों लोगों को गांव से बाहर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया।
धानी प्रतिनिधि के अनुसार विकास क्षेत्र बेलसर -रिगौली बाध में महराजगंज जिले की सीमा में पड़ने वाले बेलसर और धानी ग़ांव में रैटहोल और रेनकट के कारण जल रिसाव हो रहा है जिसके कारण ग्रामीणों में दहशत है। उक्त रिसाव को रोकने के लिए ग्रामीण बालू और मिट्टी डाल रहे हैं। बीती रात से सैकड़ों की संख्या में लोग रतजगा कर बंधे की रखवाली कर रहे हैं। राप्ती नदी के किनारे बसे गांवों में ग्रामीणों द्वारा बाढ़ की आशंका को देखते हुए अपने-अपने घरों के सामानों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे है। यही हाल क्षेत्र के परगापुर ताल पर बने बनदेइया बांध की है। यहां की स्थिति बहुत ही नाजुक है। यह बांध वन विभाग के अंतर्गत आता है। बनदेइया, केवतालिया , पुरंदरपुर, काशीपुर के लोगों का आरोप है कि आठ-दस साल से इस बंधे की मरम्मत नहीं हुई। बनदेइया बांध काशीपुर और केवटलिया के बीच आधा कट चुका है। ग्रामीणों बालू और पटरा रखकर रोकथाम कर रहे हैं।
खनुआ प्रतिनिधि के अनुसार मंगलवार को लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम अमहवा मरचहवा, मघिरिहवा, गीधा, करिछवा, धनहवा, काशीपुर, रघुनाथपुर, मठिअहवा, विभुअवा गांव के लोग बाढ़ में फंसे रहे। सूचना एसएसबी को मिली। सूचना मिलते ही एसएसबी प्रथम वाहिनी के कमांडेंट शिव दयाल ने राहत एवं बचाव दल चंडीथान को कमांडर राजेश कुशवाहा की अगुआई में मौके पर भेज दिया।
पुरंदरपुर प्रतिनिधि के अनुसार थाना क्षेत्र के मंझार क्षेत्र के रोहिन नदी के तटबंध के कटान ने सोमवार को रात में तबाही मचा दी, जिससे मंझार के लोग बाढ़ के संकट से जूझ रहे हैं। तहसील प्रशासन की देखरेख में बाढ़ से प्रभावित लोगो को समरधीरा में शिविर बनाकर एकत्र कर सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। रोहिन नदी के तटबंध करमटीकर, अमहवा, कुड़ीया, अराजीसुबाइन में कटाव के कारण पुरा मंझार क्षेत्र रोहिन की बाढ़ के चपेट में आ गया। चार स्थान पर कटान रात में होने से कोई मदद भी नहीं मिल पाई। समरधीरा, रानीपुर ,मछरिहवा, करीमदादपुर, रजापुर, खालिकगढ, नवाबी, खालिकगढ, गीदहा, दनदनहवा, रधुनाथपुर, नवाडीह, बिनहा, तेरहों छावनी में पानी भर गया।
मंगलवार को तहसीलदार नौतनवां राजेश जायसवाल एसएसबी टीम का मोटरबोट व फैजाबाद से किराए पर दो मोटर बोट मंगा कर बाढ़ में फंसे लोगों को निकलवा कर समरधीरा में बनाए गए शिविर में पहुंचाया गया। लेकिन मोटरबोट कम होने से छतों, पेड़ों व बंधो पर छत्तीस घंटे गुजारा किया। बुधवार से बाढ़ का पानी त्रिमुहानी में कटान हो जाने के कारण कम हो गया है। मवेशियों के लिए अभी तक शासन ने चारे का प्रबंध नहीं किया है। इसी थाना क्षेत्र के टेढ़ी, दशरथपुर, कानपुर, बेलौहा, सेमरहवा सहित जंगल के सटे गांव में रोहिन ने मंगलवार रात से तबाही मचा दी है।
नौतनवा-ठूठीबारी मार्ग बाढ़ के पानी से कटा
बरगदवां। बघेला नाला के बाढ़ के पानी से नौतनवा-ठूठीबारी मार्ग तरैनी गांव के पास करीब दस मीटर मंगलवार की दोपहर कटकर बह गया। जिससे इस मार्ग पर आवागमन ठप हो गया। मौके पर परसामालिक पुलिस पहुंच मार्ग के दोनों तरफ बैरिकेटिंग कर चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया। बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से बीते शुक्रवार से उफनाई बघेला नदी का पानी लगातार कई दिनों से नौतनवां ठूठीबारी मार्ग पर बह रहा था। इस मार्ग को कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त कर दिया है । लेकिन पानी का दबाव झेल रहा मार्ग आखिरकार मंगलवार की दोपहर मार्ग को काट दिया जिससे इस मार्ग से होकर ब्लॉक मुख्यालय, नौतनवा, ठूठीबारी, बरगदवा व नेपाल आने जाने वाले लोगों के काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मौके पर परसामलिक पुलिस पहुंच मार्ग के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
समय रहते चेता होता प्रशासन तो नहीं कटता बंधा
गांगी बाजार। पनियरा क्षेत्र मे बहने वाली लगभग 21 किलो मीटर लम्बी जर्दी-डोमरा बांध सन 2007 मे हरखपुरा के पास कट गया। पूरा क्षेत्र मैरुण्ड हो गया था। बंधे पर जा रहे हरखपुरा के ग्रामीणों की नाव पलट गयी थी जिसमें 27 मौतें हो गई थीं। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती व लोक निर्माण व सिचाइ मंत्री नसीमुद्दीन सिद्की भी मौके पर आये थे औऱ कई आला अधिकारियों पर कर्यवाही भी हुई थी
उसी समय मुख्य मंत्री ने स्त्रत्त्बंधा मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए देने का एलान भी किया औऱ कहा था कि बंधे को कम से कम डेढ़ मीटर उंचा व पांच मीटर चौडा कर दिया जाए तो इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगा औऱ इसके लिए धन भी आया औऱ बंधे को उचाँ व चौडा करने के लिए हर पांच सौ मीटर की दूरी पर बंधा उचां करने का प्रोफाइल(नमूना)भी बना दिया गया परन्तु उसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका औऱ मानक के अनुसार कार्य नहीं हुआ। जैसे तैसे काम पूरा कराया गया उसके बाद से आज दस वर्षों तक मरम्मत के नाम पर एक रोडी मिट्टी नहीं पड़ी।
जायजा लेने पहुंचे सांसद, विधायक, एसडीएम
रतनपुर। बुधवार को सांसद पंकज चौधरी, विधायक अमन मणि त्रिपाठी, पूर्व सांसद कुँवर अखिलेश सिंह भी बाढ़ प्रभावित लोगों का हाल जानने पहुंचे। उपजिलाधिकारी नौतनवां प्रेम प्रकाश अंजोर तथा साए नौतनवां सुरेश कुमार रवि ने बाढ़ क्षेत्र का जायजा लिया। थानाध्यक्ष नौतनवां श्रीधर पाठक मयफोर्स कैम्प कर रहे हैं। 26वीं वाहिनी गोरखपुर से एक प्लाटून पीएसी चार मोटर वोट से लोगों को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। समाजसेवी रामसहाय लोहिया तथा अशोक मोदनवाल ने चकदह गाँव के महुलैना टोले क बाढ़ पीड़ित लोगों में भूजा व विस्किट बांटा। उनके इस पुनीत कार्य की लोगों ने सराहना किया।