जीएमसी जम्मू का आर्थाेपैडिक्स विभाग खतरे में, एक सप्ताह में 10 मरीज संक्रमित, संख्या पहुंची 2718

जीएमसी जम्मू का आर्थाेपैडिक्स विभाग खतरे में आ गया है। इस विभाग में इलाज करवाने के लिए आए दस मरीज एक सप्ताह में संक्रमित हो गए हैं। इससे विभाग के डाक्टरों में रोष है। उन्होंने कार्यवाहक प्रिंसिपल से सर्जरी के लिए आने वाले सभी मरीजों के कोविड टेस्ट करवाने को कहा। गौरतलब है कि इसी सप्ताह में पहले चार, फिर एक, फिर दो और अब तीन मरीज विभाग में इलाज के दौरान पाजिटिव आए हैं। इन सभी की सर्जरी होनी थी और डाक्टरों ने सर्जरी से पहले उनके कोविड टेस्ट करवाए तो सभी संक्रमित मिले। इससे विभाग के डाक्टरों में भी दहशत है। कई डाक्टर चार से पांच दिनों के लिए क्वारंटाइन हो चुके हैं। इन डाक्टरों का कहना है कि उनके लिए नियम कानून कुछ भी नहीं बनाए गए हैं। विभाग के एचओडी डॉ. संजीव गुप्ता ने प्रिंसिपल को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पूछा है कि संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद डाक्टर को कितने दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाना चाहिए।

चार जवानों सहित और 117 संक्रमित, दो की मौत भी हुई: जम्मू-कश्मीर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सीडी अस्पताल श्रीनगर के एचओडी, सुरक्षाबलों के चार जवान और 14 गर्भवती महिलाओं सहित 117 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। कुल मिलाकर प्रदेश में संक्रमण का आंकड़ा 2718 तक पहुंच गया है। वहीं दो और मरीजों ने जान गंवा दी। इस तरह मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। वहीं सात मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी भी हुई है। इसके साथ 913 मरीज ठीक हो चुके हैं। 1732 सक्रिय मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जम्मू संभाग से 40 और कश्मीर संभाग से से 77 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। जम्मू संभाग में 13 मरीज जम्मू से हैं, रामबन और पुंछ से नौ-नौ, राजौरी से तीन, कठुआ व ऊधमपुर से दो-दो तथा सांबा और डोडा से एक-एक मरीज में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जम्मू जिले के 13 में नौ मरीज हाल ही में दूसरे राज्यों से लौटे हैं जबकि तीन मेडिकल कालेज जम्मू में इलाज के लिए आए थे। एक एसआरटीसी का चालक है। जम्मू जिले में दो बीएसएफ के जवान और दो सेना के जवान संक्रमित आए हें। एक मरीज ज्यौड़ियां का है।

यह पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती है। उसकी किडनी खराब है और जम्मू में उसने जांच के लिए सैंपल दिए थे और इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं एक मरीज आरएसपुरा का रहने वाला है। यह मरीज एसआरटीसी में चालक है। इसके सैंपल टिकरी ऊधमपुर में लिए गए थे। एक मरीज बनतालाब की रहने वाली है। वह दिल्ली से कुछ दिन पहले वापस लौटी थी। वहीं चार मरीज ऐसे थे जो कि मेडिकल कालेज जम्मू के आर्थोपैडिक्स विभाग में अपना इलाज करवाने आए थे। यह चारों भी पाजिटिव आए हें। इनमें एक बिश्नाह, एक अखनूर के प्लांवाला, एक आनंद नगर बोहड़ी के मरीज हैं।

कोरोना वॉरियर ने कहा- दुआ करें मैं जल्द ठीक हो जाऊं: शहर के चेस्ट डिजीज अस्पताल के जिस कोविड आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमितों का हौसला बढ़ाते नहीं थकते थे, वही डॉक्टर आज खुद भी उसी वार्ड में भर्ती है। उक्त डॉक्टर कश्मीर का एक वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ है और श्रीनगर के चेस्ट डिजीज अस्पताल का एचओडी है। उन्होंने ट्वीट में कहा, आज मेरा टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। इस वायरस से उसी तरह जंग लड़ूंगा जिस तरह मैं यहां भर्ती अपने मरीजों से लड़ने को कहता था। मुङो और दुआओं की जरूरत है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कोरोना से लड़ रहे फ्रंट लाइन वर्करों के लिए एसओपी लागू किया जाए और इन वर्करों के कोविड टेस्ट किया जाए ताकि तमाम फ्रंट लाइन वर्कर सुरक्षित रह सकें।

लद्दाख में कोरोना से पहली मौत: लद्दाख में भी कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। कोरोना से जिनकी मौत हुई है, वह लद्दाख के पूर्व सांसद थे। सोमवार को ही उनकी मौत हुई थी। उनकी मौत के बाद कोरोना जांच के सैंपल लिए गए थे। मंगलवार को उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। वह लेह के एसएनएम अस्पताल में भर्ती थे। वह केंद्र में दो बार राज्यमंत्री भी रह चुके थे। लद्दाख में पिछले एक सप्ताह से कोरोना के मामले आना फिर शुरू हुए हैं। इसके पहले लद्दाख क्षेत्र पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो चुका था।

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