बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए बने मंत्रिसमूह का संयोजक नियुक्त किया गया है। जीएसटी काउंसिल की वेबसाइट के मुताबिक, पुनर्गठित पैनल के अन्य सदस्यों में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, गोवा के परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो, राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह हैं।
जीओएम में बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल भी शामिल हैं।
2021 में हुई थी जीओएम की स्थापना
सात सदस्यीय जीओएम को दरों को तर्कसंगत बनाने, जीएसटी छूट सूची की समीक्षा करने और इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार का सुझाव देने का काम सौंपा गया है। यह दूसरी बार है जब जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने संबंधी पैनल का पुनर्गठन किया गया है। जीओएम की स्थापना मूलरूप से सितंबर 2021 में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में की गई थी। उनकी अध्यक्षता में तैयार की गई एक रिपोर्ट को जून, 2022 में काउंसिल को सौंपा गया था।
रिपोर्ट में कर दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए कुछ वस्तुओं और सेवाओं के लिए दरों में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया था। पिछले साल मई में विधानसभा चुनावों के बाद कर्नाटक में सरकार बदल गई। पैनल का पुनर्गठन करते हुए उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को संयोजक बनाया गया। इस साल जनवरी में बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा संगठन की सरकार बनने के बाद वित्त विभाग वहां के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दिया गया।
वर्तमान में जीएसटी के तहत हैं पांच स्लैब
सम्राट चौधरी ने पहले से पैनल में शामिल विजय कुमार चौधरी की जगह ली। सम्राट चौधरी को पैनल में शामिल करने के लिए जीएसटी दर युक्तिकरण पर जीओएम का पुनर्गठन आवश्यक था। वर्तमान में जीएसटी के तहत पांच (शून्य, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत) कर स्लैब हैं। विलासिता से जुड़ी वस्तुओं पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत की दर के अतिरिक्त उपकर भी लगाया जाता है।