जेएनयू में एमफिल स्टूडेंट कृष मुथुकृष्णनन ने सुसाइड से पहले अपनी आखिरी फेसबुक पोस्ट में एमफिल और पीएचडी दाखिले में कथित भेदभाव का आरोप लगाया था. 10 मार्च की अपनी इस आखिरी फेसबुक पोस्ट में मुथुकृष्णनन ने जेएनयू में एडमिशन प्रक्रिया में असमानता को लेकर जेएनयू को ही कटघरे में खड़ा किया था.
मुथुकृष्णनन ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा –
‘एमफिल-पीएचडी दाखिले में कोई समानता नहीं है, न ही मौखिक परीक्षा में कोई समानता है. केवल समानता के अधिकार का खंडन है. ‘जब समानता नहीं मिलती है तब कुछ नहीं मिलता है.’
काफी एक्टिव था मुथुकृष्णनन
मुथुकृष्णनन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव था. उसने अपनी फेसबुक प्रोफ़ाइल रजनी कृष के नाम से बनाई थी, और वे दोस्तों के बीच इसी नाम से चर्चित था. तमिलनाडु के सेलम के रहने वाले मुथुकृष्णनन दक्षिण भारत के लोकप्रिय स्टार रजनीकांत के काफी दीवाना था, और उनके अभिनय की नकल उतारा करता था.
लिखने-पढ़ने में थी रुचि
मुथुकृष्णनन को लिखने-पढ़ने में भी रुचि थी. वह दलित जीवन की त्रासदियों को कहानियों के जरिये लगातार सामने ला रहा था. मुथुकृष्णनन ने फ़ेसबुक पर इन कहानियों की ‘माना’ नाम से एक सीरीज़ भी चलाई थी. अपनी आखिरी फेसबुक पोस्ट में मुथुकृष्णनन ने ‘माना’ सीरीज के अंतर्गत पांचवी कहानी लिखी थी और इसी में ने जेएनयू में असमानता के मुद्दे को उठाया था.