भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर वैश्विक मंचों पर भी साफ देखा जा सकता है. हाल ही में दो भारतीय जवानों के शवों के साथ पाकिस्तानी आर्मी की ओर से बर्बरता की गई थी. जिससे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है. एक सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ मंच साझा तो की लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. ये भी पढ़े : ब्रेकिंग न्यूज़: इस नाले से हर दिन मिल रहे हैं लाखों के पुराने नोट
एशियाई विकास बैंक की 50वीं वार्षिक बैठक से अलग ‘एशियाज इकनॉमिक आउटलुक: टॉकिंग ट्रेड’ विषय पर सीएनबीसी समाचार चैनल की ओर से आयोजित चर्चा में जेटली और पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार समेत चार वक्ता मंच पर एक साथ मौजूद थे. जेटली ने इस दौरान चीन की ‘वन बेल्ट-वन रोड’ पर पाकिस्तान के समर्थन पर पुरजोर विरोध दर्ज कराया.
साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के बाद से दक्षिण एशिया में सबसे बुरे संकट के पैदा होने की स्थिति बताई जाती है और ऐसे में दोनों देशों के नेताओं के मंच साझा करने का यह पहला मामला है. जेटली मंच पर इस तरह से बैठे कि एक घंटे की पूरी परिचर्चा में पाकिस्तानी मंत्री से उनका आमना-सामना ही नहीं हुआ. भारत के वित्त मंत्री पैनल के सदस्यों के साथ परंपरागत तस्वीर खिंचने के फौरन बाद वहां से निकल गये. यहां तक की दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ भी नहीं मिलाया.
ये भी पढ़े :
चर्चा के दौरान मंत्रियों से भारत-पाकिस्तान के हालिया तनाव या दोनों देशों के बीच कारोबार पर कोई प्रश्न नहीं पूछा गया. जब पत्रकारों ने जेटली से बातचीत की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जब डार ने चीन को शेष यूरेशिया से जोड़ने वाली ‘वन बेल्ट, वन रोड’ (OBOR) पहल का समर्थन किया तो जेटली ने कहा कि भारत को संप्रभुता के मुद्दों की वजह से इस प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति है.
जेटली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सैद्धांतिक रूप से कनेक्टिविटी एक अच्छा विचार है लेकिन आपने जो प्रस्ताव दिया है खासतौर पर उसमें कई अन्य मुद्दे जुड़े हुए हैं और मुझे इन सब पर बात करने के लिए यह मंच सही नहीं लगता.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि हमें संप्रभुता के मुद्दों के चलते OBOR पर गंभीर आपत्ति है.’ दूसरी तरफ डार ने कहा कि पाकिस्तान इस पहल का पुरजोर समर्थन करता है.