जयप्रकाश नारायण की जंयती पर एलडीए ने जेपीएनआइसी गेट पर ताला लगा दिया। इसके अलावा लोहे की चादर की दीवार भी लगा दी गई है। गेट पर तालाबंदी की सूचना पर सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
जयप्रकाश नारायण की जंयती पर एलडीए ने जेपीएनआइसी गेट पर ताला लगा दिया। इसके अलावा लोहे की चादर की दीवार भी लगा दी। एलडीए ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को जेपीएनआइसी में माल्यार्पण कार्यक्रम की अनुमति देने से मना कर दिया।
गेट पर तालाबंदी की सूचना पर सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। साढ़े 11 बजे अखिलेश यादव समर्थकों संग बस से जेपीएनआईसी पहुंचे और बैरिकेडिंग तोड़कर गेट फांदकर अखिलेश यादव समर्थकों संग अंदर घुस गए और माल्यार्पण किया। सरकार की उन्हें रोकने की सारी व्यवस्थाएं धरी रह गई। हालांकि, कुछ देर बाद वह जेपीएनआईसी से बाहर निकले और कहा कि हम हर साल जय प्रकाश जी की स्मृति में आते हैं और यहां माल्यार्पण करते हैं। इस बार सरकार ने हमें रोकने के लिए गेट पर ताला लगा दिया और टिन लगाकर सील कर दिया।
उन्होंने कहा कि जेपी ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था क्या हमें भी माल्यार्पण के लिए जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का आह्वान करना पड़ेगा। अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही।
इसके पहले उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी थी और कहा कि महान समाजवादी विचारक, सामाजिक न्याय के प्रबल प्रवक्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर अब क्या सपा को माल्यार्पण करने से रोकने के लिए ये टिन की चद्दरें लगाकर JPNIC का रास्ता रोका जा रहा है।
सच ये है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी के भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई के ख़िलाफ़ छेड़े गये आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर रही है क्योंकि भाजपा के राज में तो भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई तब से कई गुना ज़्यादा है।
अब क्या माल्यार्पण के लिए भी जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का आह्वान करना पड़ेगा। अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही।
माल्यार्पण के बाद वह अपने समर्थकों के साथ वापस लौट गए। जिसके बाद गेट को पुलिस ने पूरी तरह घेर लिया। कुछ देर बाद भीड़ छंट गई और जाम भी खुल गया।