चारा घोटाले में रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू यादव को कैदी के रूप में माली का काम दिया गया है। वह पेड़-पौधों की देखभाल करेंगे। इस काम के बदले उन्हें रोजाना 93 रुपये मिलेंगे। जेल प्रशासन के अनुसार, लालू ने रविवार को सुबस उठकर कसरत और नहाने के बाद पूजा-पाठ की व अखबार पढ़ा। बताया जाता है कि वह सोमवार से कैदी के रूप में काम करना शुरू करेंगे।
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गौरतलब है कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर ट्रेजरी केस में शनिवार को लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। लालू को चारा घोटाले में दूसरी बार आपराधिक षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार की धाराओं में सजा सुनाई गई है। इससे पहले 2013 में भी उन्हें पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
लालू के प्रति पूरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने उनके साथ अन्याय किया है। उनके साथ हमारी एकजुटता बनी रहेगी। गौरतलब है कि स्पेशल कोर्ट ने यदि लालू को तीन साल की सजा दी होती, तो उसी अदालत से जमानत मिल सकती थी, लेकिन साढ़े तीन साल की सजा के कारण अब उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। राजद नेता और तेजस्वी यादव ने कहा है कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद वह जमानत के लिए अपील करेंगे।
राजद से जारी रहेगा गठबंधन : कांग्रेस
लालू को भ्रष्टाचार में सजा होने के बाद उनके साथ खड़ी कांग्रेस ने एलान किया कि राजद के साथ गठबंधन जारी रहेगा। बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष काकब कादरी ने कहा कि गठबंधन पर सजा के फैसले का असर नहीं पड़ेगा।
सजा की खबर मिलने के बाद बहन की सदमे से मौत
रांची जेल में बंद लालू यादव की इकलौती बहन का रविवार को निधन हो गया। बताया जाता है कि गंगोत्री देवी को लालू की सजा की सूचना मिलने के बाद सदमा लगा और उसके बाद उनकी मौत हो गई। लालू को बहन के निधन की सूचना दे दी गई है, लेकिन वह पेरोल की जगह अपनी नियमित जमानत की कोशिश करेंगे।
बुआ के निधन की सूचना मिलने के बाद मां राबड़ी देवी और भाई के साथ पटना वेटनरी कॉलेज स्थित सर्वेंट क्वार्टर पहुंचे। गंगोत्री देवी दो बच्चों के साथ अब तक उसी सर्वेंट क्वार्टर में रह रही थीं, जहां कभी लालू अपने परिवार के साथ रहा करते थे। राबड़ी ने बताया कि लालू के जेल जाने के बाद से वह लगातार सदमे में थीं और भाई की सलामती की गुहार लगा रही थीं।