जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का रास्ता शनिवार को साफ हो गया है। प्रथम चरण में निर्माण के लिए छह गांवों की 1334 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू करने से पहले 70 फीसद भूमि के लिए किसानों की सहमति जरूरी थी। इस आंकड़े को प्रशासन ने पार कर लिया है
शनिवार को 228 किसानों ने करीब 80 हेक्टेयर जमीन के लिए सहमति दी है। किसानों ने पहले जमीन के मुआवजे को कम बताकर सहमति देने से इन्कार कर दिया था। जिला प्रशासन और प्राधिकरण ने किसानों को 2300 रुपये प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा था। वहीं किसान जमीन के सर्किल रेट का चार गुना अधिक मुआवजा मांग रहे थे। बाद में जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह के आग्रह पर किसान जमीन देने को तैयार हो गए।
जिला प्रशासन को अब तक करीब 2600 किसान एक हजार हेक्टेयर भूमि के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। सोमवार को प्राधिकरण व प्रशासन के आला अफसरों की जेवर एयरपोर्ट के संबंध में एक अहम बैठक होगी। जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ होने के बाद प्राधिकरण और प्रशासन अगला कदम उठाएंगे। संभावना है कि अक्टूबर में नवरात्रों के दौरान जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे।