अमेरिका में शुरू हुआ नस्लीय विरोधी हिंसक प्रदर्शन की आंच लंदन पहुंच गई है। अमेरिकी अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी की मौत के बाद अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैंं, लेकिन अब इसकी आंच लंदन भी पहुंच गई है। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में ब्रिटेन के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। कोरोना महामारी के बीच इस प्रदर्शन के चलते संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अमेरिका में भी प्रदर्शन के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
उधर, रविवार को ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने प्रदर्शनकारियों को आगाह किया है इससे कोरोना के प्रसार में तेजी आई है। स्काई न्यूज पर एक साक्षात्कार के दौरान पूछे जाने पर कि क्या विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों ने कोरोना संक्रमितों के मामलों में वृद्धि की संभावना अधिक है। हैनकॉक ने कहा कि यह निस्संदेह एक जोखिम है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत दृढ़ता से उस तर्क का समर्थन करता हूं, जो विरोध कर रहे हैं, लेकिन वायरस खुद ही भेदभाव नहीं करता है और बड़े समूहों में इकट्ठा करना अस्थायी रूप से नियमों के खिलाफ है क्योंकि यह इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ाता है।
बता दें कि अमेरिका में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में हो रहे प्रदर्शनों का सिलसिला मंगलवार 12वें दिन भी नहीं थमा। घटना के विरोध में लगातार प्रदर्शन जारी है। लॉस एंजिलिस, फिलाडेल्फिया, अटलांटा और सिएटल में जहां ब़़डे मार्च और रैलियां हुईं वहीं वाशिंगटन डीसी, पोर्टलैंड और ओरेगन में प्रदर्शन के बीच छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आई। हिंसा की आग व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास के करीब तक पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव किया।
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