मड़ियाहूं थाना क्षेत्र निवासी 11 वर्षीय बच्ची से 6 अगस्त 2020 की रात आठ बजे दुराचार कर उसकी हत्या करने के दोषी बाल गोविंद को अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम प्रथम रवि यादव ने मृत्यु दंड व 10000 रुपये जुर्माने की सजा का सुनाया सोमवार को सुनाया। शनिवार को सुनवाई के बाद फैसला जज ने सुरक्षित कर लिया था। इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई चली और मुकदमे की मॉनिटरिंग शासन से की जा रही थी। घटना की एफआइआर बालिका के पिता ने दर्ज कराई थी। इस जघन्य वारदात के मामले में आरोपित को फांसी की सजा मिलने के बाद परिजनों ने फैसले से संतुष्टि जाहिर की है।
अभियोजन के अनुसार ईंट भट्टे पर काम करने वाला चंदौली निवासी बालगोविंद उर्फ गोविंदा अपने ससुराल मड़ियाहूं में रह रहा था। गत छह अगस्त 2020 की रात 11 वर्षीय बालिका व उसकी बहन को एक दुकान से टॉफी-बिस्किट दिलाया। छोटी बहन को घर भेज दिया और मृतका को बहला-फुसलाकर मक्के के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद गला व मुंह दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद चेहरे पर एसिड डालकर जला दिया और शव को खेत में छिपाकर भाग गया। छोटी बहन ने घर जाकर बताया तो घर वाले खोजबीन करने लगे। दो दिन बाद गांव वालों ने बताया कि बालिका का शव खेत में है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया, जिसमें मृतका के साथ दुष्कर्म होने और सांस रुकने से मौत की पुष्टि हुई।
पुलिस ने आरोपित को चंदौली से गिरफ्तार किया और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। गत 26 नवंबर 2020 को आरोप तय हुआ। मृत बालिका की छोटी बहन व जिस दुकान से आरोपित ने टॉफी -बिस्किट जाकर खरीदा था, दोनों ने कोर्ट में आरोपित का नाम लेते हुए गवाही दी। विशेष लोक अभियोजक राजेश उपाध्याय व एडीजीसी वीरेंद्र मौर्य ने 11 गवाह पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित को अपहरण, दुष्कर्म, हत्या, साक्ष्य छिपाने व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी करार दिया है।